दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट से रात को चले दो ट्रक में से एक को टाटा सूमो सवार दो बदमाशों ने चाकू की नोंक पर लूट लिया।
मंगलवार रात को करीब 12.50 मिनट पर जब सैमसंग मोबाइल के इलेक्ट्रॉनिक सर्किट से भरा ट्रक कालिंदी कुंज के नजदीक पहुंचा, तो दो में से एक ट्रक को बदमाशों ने फिल्मी अंदाज में लूट लिया।
बदमाशों ने पहले ट्रक को टक्कर मारी, फिर ड्राइवर की पिटाई करके ट्रक ले भागे। पुलिस 5 से 10 मिनट के भीतर मौका-ए-वारदात पर पहुंच गई। जब पुलिस को ट्रक के लूटे गए माल की कीमत (26 करोड़ रुपये) के बारे में पता चला, पुलिस हक्की-बक्की रह गई। पुलिस ने तत्काल जांच शुरू की तो पता चला कि लूट के 2 मिनट बाद ही बदमाशों ने ट्रक के जीपीएस का कनेक्शन काट दिया था। तभी उसके शक की सुई ट्रांसपोर्ट कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों पर टिक गई।
सरिता विहार थाने के एसएचओ मनिंदर सिंह कहते हैं कि यहीं से पहला क्लू उनके हाथ लगा। जब कंपनी का डाटा और खंगाला गया, तो पता चला कि प्रमोद नाम का एक कर्मचारी साल भर पहले कंपनी छोड़कर चला गया था। उसके मोबाइल की लोकेशन उस वक्त कालिंदी कुंज के पास थी। इसी से पुलिस को सुराग मिलते चले गए।
ये बदमाश सैमसंग मोबाइल का सामान से भरा ट्रक पहले हाथरस लेकर गए, फिर यहां से सामान उतार कर दूसरे ट्रक से कासगंज भाग गए। यहीं दिल्ली पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया। लेकिन अब पुलिस के सामने इससे बड़ी चुनौती यह है कि आखिर लूट के इस सामान का खरीददार कौन था, क्योंकि सैमसंग से जुड़े लोगों का कहना है कि अगर पुलिस लूटे गए सामान को नहीं बरामद करती, तो सैमसंग के एस-6 एज की डिलीवरी में समय लगता और कंपनी को करोड़ों का नुकसान होता।
लूटा गया सामान कोरिया से आई आईसी है, जिसकी कीमत 26 करोड़ है। इसको वही खरीद सकता है, जिसका ताल्लुक मोबाइल बनाने से हो। इसी के चलते पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि कहीं कारपोरेट वॉर के चलते तो ये लूट नहीं कराई गई है।
हालांकि साउथ-ईस्ट के डीसीपी मनिंदर सिंह रंधावा कहते हैं कि उनकी जांच अभी शुरुआती दौर में है, लेकिन हमारे लिए ये पता लगाना जरूरी है कि आखिर मोबाइल के इन उपकरणों का कोई खरीददार था या मोबाइल होने की गलतफहमी में इन लुटेरों ने इस लूट को अंजाम दिया।
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