हाशिम अंसारी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
हाशिम अंसारी को शायद आज कोई नहीं जानता और पहचानता, अगर वह राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद के एक पैरोकार न होते। उनकी दुनियाभर में पहचान का यही सबसे बड़ा आधार है। यह मुद्दा सबसे ज्यादा 1992 में बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद सुर्खियों में आया लेकिन 94 साल के अंसारी पिछले 60 सालों से इस केस को लड़ रहे हैं।
1961 में सुन्नी वक्फ बोर्ड ने किया केस
1921 में पैदा हुए हाशिम अंसारी ने 1949 में पहली बार इस मामले में एक मुकदमा दर्ज करवाया था जब विवादिद ढांचे के भीतर कथित रूप से मूर्तियां रखी गई थीं। उनका कहना था कि लोगों के कहने के कारण ही उन्होंने ऐसा किया था। गौरतलब है कि 1961 में सुन्नी वक्फ बोर्ड ने इस मामले में एक केस किया तब भी हाशिम अंसारी एक और पैरोकार बने।
इमरजेंसी में भी जेल में थे अंसारी
1975 में जब देश में इमरजेंसी लगाई गई थी तब भी हाशिम अंसारी को गिरफ्तार किया गया था और करीब 8 महीने वह जेल में रहे।
फिलहाल अस्पताल में हैं हासिम अंसारी
बता दें कि अंसारी को सीने में तेज दर्द होने पर गंभीर हालत में शनिवार की सुबह फैजाबाद के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हालत में सुधार न होने पर डॉक्टरों ने उन्हें लखनऊ के लिए रैफर कर दिया था। फिलहाल लखनऊ में उन्हें किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के आईसीयू में भर्ती कराया गया जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। केजीएमयू के उप चिकित्सा अधीक्षक डॉ. वेदप्रकाश ने बताया कि अंसारी को आईसीयू में रखा गया है। उनके सीने में संक्रमण है। इलाज चल रहा है।
अंसारी अपने कुछ इंटरव्यू में कह चुके हैं कि उन्हें अब मौत का इंतजार है और वह चाहते हैं कि उनके जीवित रहते राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद के मुद्दे का कोई फैसला हो जाए।
1961 में सुन्नी वक्फ बोर्ड ने किया केस
1921 में पैदा हुए हाशिम अंसारी ने 1949 में पहली बार इस मामले में एक मुकदमा दर्ज करवाया था जब विवादिद ढांचे के भीतर कथित रूप से मूर्तियां रखी गई थीं। उनका कहना था कि लोगों के कहने के कारण ही उन्होंने ऐसा किया था। गौरतलब है कि 1961 में सुन्नी वक्फ बोर्ड ने इस मामले में एक केस किया तब भी हाशिम अंसारी एक और पैरोकार बने।
इमरजेंसी में भी जेल में थे अंसारी
1975 में जब देश में इमरजेंसी लगाई गई थी तब भी हाशिम अंसारी को गिरफ्तार किया गया था और करीब 8 महीने वह जेल में रहे।
फिलहाल अस्पताल में हैं हासिम अंसारी
बता दें कि अंसारी को सीने में तेज दर्द होने पर गंभीर हालत में शनिवार की सुबह फैजाबाद के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हालत में सुधार न होने पर डॉक्टरों ने उन्हें लखनऊ के लिए रैफर कर दिया था। फिलहाल लखनऊ में उन्हें किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के आईसीयू में भर्ती कराया गया जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। केजीएमयू के उप चिकित्सा अधीक्षक डॉ. वेदप्रकाश ने बताया कि अंसारी को आईसीयू में रखा गया है। उनके सीने में संक्रमण है। इलाज चल रहा है।
अंसारी अपने कुछ इंटरव्यू में कह चुके हैं कि उन्हें अब मौत का इंतजार है और वह चाहते हैं कि उनके जीवित रहते राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद के मुद्दे का कोई फैसला हो जाए।
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