विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख टेड्रोस एडहानोम गेब्रेयेसुस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने कहा है कि कोरोनावायरस (Coronavirus) भारत के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना 'आयुष्मान भारत' (Ayushman Bharat) को रफ्तार देने के लिए एक बेहतर मौका हो सकता है. प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं के लिहाज से देश की जनता को इसका लाभ दिया जा सकता है. WHO के डायरेक्टर जनरल ने यह बात भारत में कोरोना मामलों को लेकर किए गए एक सवाल के जवाब में कही.
जेनेवा में शुक्रवार को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में WHO चीफ टेड्रोस एडहानोम गेब्रेयेसुस ने कहा, 'हां बिल्कुल, कोरोनावायरस दुर्भाग्यवश है और ये कई देशों के लिए चुनौती बना हुआ है. हमें अवसरों की ओर भी देखना होगा. भारत के संदर्भ में, वहां 'आयुष्मान भारत' को गति देने के लिए ये एक बेहतर मौका हो सकता है. खासकर प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर.'
उन्होंने आगे कहा, 'मुझे पता है कि आयुष्मान भारत के कार्यान्वयन में तेजी लाने और प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल और सामुदायिक जुड़ाव के साथ सरकार की बहुत मजबूत प्रतिबद्धता है. ये योजना वास्तव में भारत में मदद कर सकती है और जब आयुष्मान भारत की शुरुआत हुई थी, तो WHO ने इसकी बहुत सराहना की थी. ये हकीकत में एक बहुत अच्छा अवसर हो सकता है कि इसका परीक्षण करें और इसे गति दें और इसका उपयोग वास्तव में इस महामारी से लड़ने के लिए करें.'
गौरतलब है कि दुनियाभर के तमाम देशों के साथ-साथ भारत में भी कोरोनावायरस (COVID-19) का कहर तेजी से बढ़ता जा रहा है. रिपोर्ट्स के अनुसार, 180 से ज्यादा देशों में फैल चुका यह वायरस अब तक साढ़े तीन लाख से ज्यादा जानें ले चुका है. दुनियाभर में 64 लाख से ज्यादा लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं. यह आंकड़ा हर रोज बढ़ रहा है. स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा शनिवार सुबह जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में इस वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 2,36,657 हो गई है. पिछले 24 घंटों में कोरोना के 9,887 नए मामले सामने आए हैं और 294 लोगों की मौत हुई है.
देश में पहली बार 24 घंटों में इतनी बड़ी संख्या में कोरोना के मामले सामने आए हैं और संक्रमण से मौतें हुई हैं. अभी तक 6,642 लोगों की मौत हो चुकी है, हालांकि 1,14,073 मरीज इस बीमारी को मात देने में सफल भी हुए हैं. रिकवरी रेट में मामूली गिरावट देखने को मिली है. यह 48.20 प्रतिशत पर पहुंच गया है. देश के सभी राज्यों से इसके मरीज सामने आ रहे हैं. कई राज्य ऐसे भी हैं, जो इस महामारी से मुक्त हो चुके थे लेकिन प्रवासियों के राज्य में दाखिल होने से वह फिर से इस संक्रमण की जद में आ गए.
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