गुलाम नबी आजाद (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
सत्तापक्ष से जुड़े सदस्यों के हालिया आपत्तिजनक बयानों पर राज्यसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के दौरान विपक्ष के नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद ने सदन से वॉक आउट की धमकी दी है। नियमानुसार जब उपाध्यक्ष पीजे कुरियन ने उनसे अपनी बात ख़त्म करने के लिए कहा तो आज़ाद नाराज़ हो गए और कहा कि अगर ऐसा है तो हम वॉकआउट करेंगे।
दरअसल आज़ाद ने और वक़्त की मांग की थी। इस पर उप सभापति कुरियन ने कहा कि ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में यही नियम है कि पहला सदस्य 5 से 7 मिनट बोलता है मैंने आपको 8 मिनट पूरे होने के बाद अपनी बात ख़त्म करने के लिए कहा है। कुरियन ने कहा कि अगर आपको लंबा बोलना है तो अल्पकालिक चर्चा का नोटिस दीजिए यह कॉल अंटेशन है।
इसके बाद संसदीय कार्य राज्यमंत्री मुख़्तार अब्बास नक़्वी ने कहा कि उन्हें और वक़्त चाहिए तो दे दीजिए। इस पर कुरियन ने कहा कि अगर सदन की राय है तो मैं नियमों में ढील दे सकता हूं, हालांकि नियम यही है। इसके बाद आज़ाद ने कुल 10 मिनट दिए जाने का अनुरोध किया और अपनी बात दोबारा शुरू की।
आज़ाद ने देश के अलग-अलग हिस्सों में बीजेपी से जुड़े सदस्यों के आपत्तिजनक बयानों का ब्यौरा दिया और गृहमंत्री राजनाथ सिंह से पूछा कि अगर सरकार के मंत्री ही ऐसी बातें करेंगे तो देश में क्या संदेश देना चाहते हैं।
आज़ाद ने बीजेपी पर विभाजनकारी राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि कन्हैया पर देशद्रोह का केस लगाया है तो फिर ऐसे साम्प्रदायिक बयान देने वालों पर देशद्रोह का केस क्यों नहीं?
आज़ाद ने कहा कि आप दोहरा खेल कर रहे हैं, जो आपको सूट करता है उन पर आप कुछ नहीं करेंगे।
दरअसल आज़ाद ने और वक़्त की मांग की थी। इस पर उप सभापति कुरियन ने कहा कि ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में यही नियम है कि पहला सदस्य 5 से 7 मिनट बोलता है मैंने आपको 8 मिनट पूरे होने के बाद अपनी बात ख़त्म करने के लिए कहा है। कुरियन ने कहा कि अगर आपको लंबा बोलना है तो अल्पकालिक चर्चा का नोटिस दीजिए यह कॉल अंटेशन है।
इसके बाद संसदीय कार्य राज्यमंत्री मुख़्तार अब्बास नक़्वी ने कहा कि उन्हें और वक़्त चाहिए तो दे दीजिए। इस पर कुरियन ने कहा कि अगर सदन की राय है तो मैं नियमों में ढील दे सकता हूं, हालांकि नियम यही है। इसके बाद आज़ाद ने कुल 10 मिनट दिए जाने का अनुरोध किया और अपनी बात दोबारा शुरू की।
आज़ाद ने देश के अलग-अलग हिस्सों में बीजेपी से जुड़े सदस्यों के आपत्तिजनक बयानों का ब्यौरा दिया और गृहमंत्री राजनाथ सिंह से पूछा कि अगर सरकार के मंत्री ही ऐसी बातें करेंगे तो देश में क्या संदेश देना चाहते हैं।
आज़ाद ने बीजेपी पर विभाजनकारी राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि कन्हैया पर देशद्रोह का केस लगाया है तो फिर ऐसे साम्प्रदायिक बयान देने वालों पर देशद्रोह का केस क्यों नहीं?
आज़ाद ने कहा कि आप दोहरा खेल कर रहे हैं, जो आपको सूट करता है उन पर आप कुछ नहीं करेंगे।
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