Dinesh Trivedi's Resignation: तृणमूल कांग्रेस के सांसद (Trinmool Congress MP) दिनेश त्रिवेदी (Dinesh Trivedi) ने राज्यसभा से इस्तीफे का ऐलान किया है. पार्टी के संस्थापक सदस्यों में एक त्रिवेदी पिछले कुछ समय से पार्टी के कार्यशैली से नाखुश चल रहे थे. ऐसी चर्चाएं हैं कि वे भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं. चार जून 1950 को जन्मे त्रिवेदी मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में रेल मंत्री और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री का पद संभाल चुके हैं. रेल मंत्री के तौर पर वर्ष 2012 में दिनेश त्रिवेदी ने 'बेहतरीन' रेल बजट पेश किया था जिसमें पूर्ववर्ती रेल मंत्रियों से अलग यात्री किराया तो बढ़ाया गया था लेकिन रेल सुरक्षा और आधुनिकीकरण को महत्व देते हुए काफी प्रावधान किए थे. आमलोगों और यहां तक कि कुछ विपक्षी नेताओं ने भी इसे 'सुधारवादी' रेल बजट करार दिया था. हालांकि अपने इस बजट के कारण त्रिवेदी को अपनी पार्टी की प्रमुख ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) और तृणमूल कांग्रेस के अन्य नेताओं की नाराजगी का सामना करना पड़ा था.
बंगाल चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस के दिनेश त्रिवेदी ने राज्यसभा से इस्तीफे का ऐलान किया
ममता दीदी ने तो यहां तक कहा था कि रेल बजट बनाते समय त्रिवेदी ने उनसे राय नहीं ली वरना वे यात्री किराया बढ़ाने के लिए कभी तैयार नहीं होती. ममता की जिद के कारण बाद में आखिरकार त्रिवेदी को अपमान का घूंट पीते हुए रेल मंत्री के पद से इस्तीफा देने को मजबूर होना पड़ा था और रेल विभाग तृणमूल कांग्रेस के ही मुकुल रॉय (अब बीजेपी में शामिल हो चुके हैं) को दे दिया गया था. रेल मंत्री पद छोड़ने के बाद दिनेश त्रिवेदी ने कहा था कि अगर वह इस्तीफा नहीं देते तो सरकार गिर जाती. इसी को ध्यान में रखकर उन्होंने इस्तीफा दिया था. उन्होंने कहा था कि वह नहीं चाहते थे कि देश को मध्यावधि चुनाव का सामना करना पड़े. उन्होंने साफ किया कि उन्हें हटाए जाने की वजह रेल किराए में बढ़ोतरी नहीं है कि दिनेश त्रिवेदी ने कहा कि उन्हें हटाया जाना पहले से तय था और पार्टी में सभी जानते थे कि बजट के बाद उनका इस्तीफा ले लिया जाएगा इसीलिए उन्होंने बजट के आते ही किराया बढ़ाए जाने को वजह बनाकर मुझे हटा दिया गया.
इस्तीफा नहीं देता तो सरकार गिर जाती : दिनेश त्रिवेदी
त्रिवेदी कुछ अन्य अवसरों पर भी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ममता बनर्जी से अलग राय जता चुके हैं. ममता का कार्टून बनाने वाले जादवपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए वर्ष 2012 में उन्होंने कहा था कि कार्टून लोकतंत्र का अभिन्न हिस्सा हैं. उन्होंने कहा था कि मुझे नहीं लगता कि इससे से किसी को कोई आपत्ति होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि किसी की छवि उसके समर्थकों और उसकी आलोचना करने वालों की वजह से बनती है.गौरतलब है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता दिनेश त्रिवेदी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ़ करते रहे हैं. उनके बीजेपी के साथ जुड़ने की संभावना है. कुछ साल पहले भी उनके बीजेपी में शामिल होने की अटकलों ने जोर पकड़ा था. त्रिवेदी यदि बीजेपी से जुड़े तो पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के पहले तृणमूल कांग्रेस के लिए यह बड़ा झटका होगा.
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