दिल्ली पुलिस का कहना है कि राहुल गांधी से जो जानकारी ली जा रही थी वो एक रूटीन जानकारी थी जो पुलिस अपने डाटाबेस में रखती है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जिनसे 2009 में जो जानकारी मिली थी उसके मुताबिक वाजपेयी ने कहा कि वे धोती कुर्ता और जवाहर जैकेट पहनना पसंद करते हैं, साथ में सैंडल या चप्पल पहनना पसंद करते हैं।
वहीं सोनिया गांधी जिनके बारे में 2004, 2009, 2010-11 और 2012 में जानकारी ली गई थी उसमें उन्होंने कहा है कि वो चश्मा पहन कर पढ़ना पसंद करती हैं, साथ ही वो हिंदी, अंग्रेजी और इटैलियन बोलती हैं।
अमित शाह जिनके बारे में इसी साल जानकारी ली गई थी, जिसमें उन्होंने कहा है कि वो दाढ़ी-मूंछ रखना पसंद करते हैं और कुर्ता पायजामा पहनना पसंद करते हैं। वहीं लाल कृष्ण आडवाणी जिन्होंने 2002 में जानकारी दी थी, अपने आप को अटल बिहारी वाजपेयी का सहयोगी बताया था और कहा था कि धोती कुर्ता पहनना पसंद करते हैं।
वहीं सुषमा स्वराज ने 1989 में जानकारी दी थी कि उन्हें साड़ी पहनना और बिंदी लगाना पसंद है। मगर ये सब जानकारी पुलिस सूत्रों के हवाले से दी जा रही है। मगर जैसा कांग्रेस ने सवाल उठाया है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने कभी ऐसी जानकारी दी है तो सवाल उठता है कि ये फार्म क्या थाने में पुलिस ने खुद भरे हैं या पासपोर्ट में से जानकारी उठा कर भरी गई है।
सच्चाई क्या है वो पुलिस को पता होगा क्योंकि खुद दिल्ली पुलिस के दो पूर्व कमिश्नर कह चुके हैं कि ऐसा कोई फार्म की जानकारी उन्हें नहीं है। और ताज्जुब की बात है कि मौजूदा पुलिस कमिश्नर बस्सी ने भी कहा कि उन्हें भी इसकी जानकारी नहीं थी, विवाद होने के बाद ही उन्हें जानकारी मिली। मतलब दाल में कुछ काला है।
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