विज्ञापन
This Article is From Dec 12, 2019

क्या है साल 1985 में हुआ असम समझौता?

1985 में हुए असम समझौते (Assam Accord) में कहा गया है कि 25 मार्च 1971 के बाद असम में आए विदेशियों की पहचान कर उन्हें देश ने बाहर निकाला जाए.

क्या है साल 1985 में हुआ असम समझौता?
नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर असम में व्यापक स्तर पर विरोध हो रहा है. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

राज्यसभा ने बुधवार को नागरिकता संशोधन विधेयक (CAB) को अपनी मंजूरी दे दी. सदन में विस्तृत चर्चा के बाद इस विधेयक को पारित किया गया. सदन ने विधेयक को प्रवर समिति में भेजे जाने के विपक्ष के प्रस्ताव और संशोधनों को खारिज कर दिया. विधेयक के पक्ष में 125 मत पड़े जबकि 99 सदस्यों ने इसके खिलाफ मतदान किया. आपको बता दें कि इस विधेयक को लेकर असम समेत पूर्वोत्तर के राज्यों में भारी विरोध-प्रदर्शन हो रहा है. खबर है कि नागरिकता संशोधन विधेयक (Citizenship Amendment Bill) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस ने लालुंगगांव में गोलियां चलाई. इसमें कुछ लोग कथित तौर पर घायल हो गए. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने दावा किया कि प्रदर्शकारियों ने पुलिसकर्मियों पर पत्थरबाजी की और ईंटे फेंकीं और पुलिस ने जब उन्हें शांत कराने की कोशिश की तो ये लोग वहां से नहीं हटे. प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि नागरिकता संशोधन विधेयक साल 1985 में हुए असम समझौते (असम अकॉर्ड) का उल्लंघन है और इसे कतई स्वीकार नहीं किया जाएगा.  

CAB 2019: क्या है नागरिकता संशोधन बिल? जानिए इसके बारे में सब कुछ

1979 के लोकसभा उपचुनाव से भड़की चिंगारी 
असम के मूल निवासियों और बाहरी शरणार्थियों के बीच संघर्ष की शुरुआत साल 1979 में हुई, जब राज्य की मंगलदोई सीट पर उपचुनाव हो रहे थे. इस उपचुनाव में मतदाताओं की संख्या अचानक पूर्व के मुकाबले कई गुना ज्यादा बढ़ी पाई गई. इसने स्थानीय लोगों का ध्यान खींचा. छानबीन शुरू हुई तो सामने आया कि बांग्लादेशी शरणार्थियों की वजह से मतदाताओं की संख्या बढ़ी है. इसके बाद राज्य में मूल निवासी बनाम शरणार्थी का मामला गरमा गया. बांग्लादेशी शरणार्थियों के खिलाफ राज्य में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया. यह प्रदर्शन साल दर साल हिंसक होता चला गया. तमाम रिपोर्ट्स के मुताबिक साल 1979 से लेकर 1985 तक 2000 से ज्यादा बांग्लादेशी शरणार्थियों की हत्या कर दी गई. इसके बाद साल 1985 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने असम समझौता किया. 

असम में CAB के विरोध में तेज हुआ बवाल, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर चलाई गोली

आखिर क्या है इस समझौते में?
1985 में हुए असम समझौते (Assam Accord) में कहा गया है कि 25 मार्च 1971 के बाद असम में आए विदेशियों की पहचान कर उन्हें देश ने बाहर निकाला जाए. जबकि, दूसरे राज्यों के लिए यह समय सीमा 1951 निर्धारित की गई थी. अब नागरिकता संशोधन बिल-2019 (कैब) में नई समय सीमा 2014 तय की गई है. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार ने बगैर सोच-समझे और स्थानीय समस्याओं को दरकिनार कर तिथियों में परिवर्तन कर दिया. नई समय सीमा से असम समझौते का उल्लघंन तो हो ही रहा है. साथ ही उनकी संस्कृति, सभ्यता और पहचान पर भी संकट मंडरा रहा है. 

VIDEO: नागरिकता संशोधन बिल पर सदन में छिड़ा धर्मयुद्ध

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Previous Article
अपराध को बढ़ावा दिया जा रहा है.., फ्लाइट में बम की धमकी की घटनाओं के बाद केंद्र ने सोशल साइट X को फटकारा
क्या है साल 1985 में हुआ असम समझौता?
"NDA का मतलब नरेंद्र दामोदर दास का अनुशासन" : कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य ने की PM मोदी की तारीफ
Next Article
"NDA का मतलब नरेंद्र दामोदर दास का अनुशासन" : कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य ने की PM मोदी की तारीफ
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com