क्या हुआ जब अपनी ही सरकार गिराने वाले गिरधर गमांग से एयरपोर्ट पर मिले पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी

क्या हुआ जब अपनी ही सरकार गिराने वाले गिरधर गमांग से एयरपोर्ट पर मिले पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी

गिरिधर गमांग और अटल बिहारी वाजपेयी (फाइल फोटो)

खास बातें

  • 1999 में जब वाजपेयी सरकार सिर्फ 13 महीने बाद गिर गई थी
  • एनडीए सरकार सिर्फ एक ही वोट से अविश्वास प्रस्ताव हार गई थी
  • मुख्यमंत्री होते हुए भी गिरिधर गमांग लोकसभा में वोट देने पहुंचे थे
नई दिल्ली:

आज यानी 25 दिसंबर को अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर वह घटना ज़रूर याद आती है जो 1999 में लोकसभा में घटित हुई थी. जब वाजपेयी सरकार सिर्फ 13 महीने के बाद गिर गई थी. 17 अप्रैल 1999 में लोकसभा में हुई इस घटना ने सबको हैरान दिया था क्योंकि एनडीए सरकार सिर्फ एक ही वोट से लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव हार गई थी.

अविश्वास प्रस्ताव हारने के पीछे कई कारण माने जाते थे लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा में जो शख्स आए थे वह थे उस वक्त के ओडिशा के मुख्यमंत्री गिरधर गमांग. मुख्यमंत्री होते हुए भी गमांग लोकसभा में वोट देने पहुंचे थे और सरकार के खिलाफ वोट दिया था. हालांकि जून 2015 में ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री गिरिधर गमांग बीजेपी में शामिल हो गए.  

17 अप्रैल 1999 अविश्वास प्रस्ताव क्यों लाया गया था?
देश में हुई 1998 के आम चुनाव में किसी भी पार्टी को पूरी तरह बहुमत नहीं मिला था लेकिन AIDMK के समर्थन से एनडीए ने केंद्र में सरकार बनाई थी. 13 महीने के बाद AIDMK ने सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया और सरकार अल्पमत में आ गई. राष्ट्रपति ने सरकार को अपना बहुमत साबित करने के लिए कहा. बसपा सुप्रीमो मायावती ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लेने की बात कही थी लेकिन आखिरी वक्त पर मायावती ने सदन में जाकर सरकार के खिलाफ वोट दिया.

जब एक ही वोट से अविश्वास प्रस्ताव हार गई सरकार :
17 अप्रैल 1999 को लोकसभा अविश्वास प्रस्ताव पर जब वोटिंग हुई तब सरकार एक ही वोट से हार गई और इस तरह सरकार गिर गई. उस वक्त ओडिशा के मुख्यमंत्री गिरधर गमांग ने सरकार  के खिलाफ वोट दिया था. दरअसल बात यह थी जब गमांग ओडिशा के मुख्यमंत्री बने तब सांसद भी थे लेकिन विधायक नहीं थे. छह महीने के अंदर उनको विधायक बनकर मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल को आगे बढ़ाना था.

सांसद के पद से उन्होंने इस्तीफ़ा नहीं दिया था. सांसद के रूप में गमांग वोट देने पहुंचे और कांग्रेस के सदस्य होने के नाते सरकार के खिलाफ वोट दिया. किसी को यह उम्मीद नहीं थी कि सरकार एक ही वोट से गिर जाएगी और जब ऐसा हो गया तो गमांग सुर्खियों में आ गए. मुख्यमंत्री रहते हुए वोट देने के लिए पहुंचने पर उनकी आलोचना हुई.  

जब गमांग, वाजपेयी को स्वागत करने एयरपोर्ट पहुंचे थे :
अगले चुनाव में एनडीए को बहुमत मिला और फिर अगले पांच साल तक अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री रहे. 29 अक्टूबर, 1999 को ओडिशा में सुपर साइक्लोन की वजह से हज़ारों लोगों की मौत हुई. वाजपेयी ने साइक्लोन से हुई क्षति का जायज़ लेने के लिए ओडिशा का दौरा किया. 

गिरधर गमांग ने अपने उस पल के अनुभव को एनडीटीवी से साझा करते हुए बताया कि वह एयरपोर्ट वाजपेयी स्वागत करने के लिए पहुंचे थे. गमांग के मन में कई सवाल खड़े हो रहे थे. फिर धीरे-धीरे वाजपेयी फ्लाइट से उतरे और गमांग को देखते ही मुस्कुराने लगे. फिर भुवनेश्वर में दोनों के बीच कई घंटो तक बात हुई. वाजपेयी ने हर संभव मदद की. 


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