बीजेपी विधायक उमेश कट्टी।
बेंगलुरु:
कर्नाटक विधानसभा में बीजेपी के वरिष्ठ नेता और मौजूदा विधायक उमेश कट्टी ने अपनी पार्टी के लिए अजीबोगरीब स्थिति पैदा कर दी। उन्होंने विधानसभा में कुछ ऐसी हरकत कर दी जो कि असंसदीय व्यवहार की श्रेणी में आती है। बाद में उन्होंने अपनी लत का हवाला देकर खुद के बचाव की कोशिश की। बीजेपी ने इस घटना को गंभीरता से लिया है।
...तो प्रतिबंधित गुटखे का सदन में सेवन कर डालते
गौरतलब है कि कर्नाटक में पान मसाला और गुटखा पर प्रतिबंध है। इसके बावजूद विधानसभा की कार्रवाई के दौरान उमेश कट्टी ने जेब से गुटखा के दो पाउच निकाले और उसे खोलकर मिक्स करने ही वाले थे कि बगल में बैठे बीजेपी विधायक की नजर उन पर पड़ गई। उसने कट्टी का ध्यान कैमरे की तरफ दिलाया। कट्टी ने ऊपर की तरफ देखा और जैसे ही मीडिया स्टैंड का कैमरा अपनी तरफ देखा फौरन दोनों पाउच वापस जेब में रख लिए।
जर्दा नहीं, सिर्फ सुपारी...!
जब दिनेश कट्टी से पूछा गया कि वे प्रतिबंधित गुठखा विधानसभा में क्यों लेकर गए? तो उनकी दलील थी कि उस गुटखे में जर्दा नहीं था। सिर्फ सुपारी थी। लेकिन जब कट्टी को यह जानकारी दी गई कि वे बीजेपी सरकार में वरिष्ठ मंत्री रह चुके हैं और उन्हें पता होना चाहिए कि विधानसभा के अंदर खाने-पीने पर प्रतिबंध है। इस पर उमेश कट्टी ने कहा कि इंसान अपनी आदत का गुलाम होता है। जब तलब होती है तो हाथ अपने आप ही चल जाता है।
बीजेपी ने दी कड़ी चेतावनी
विधानसभा में बीजेपी विधायक दल के नेता जगदीश शेट्टार उमेश कट्टी की दलीलों से सहमत नहीं हैं। उन्होंने बताया कि कट्टी को कड़ी चेतावनी दी गई है और कहा गया है कि वो आगे से ऐसी हरकत न करें। यह अंतिम चेतावनी है। उधर, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री यूटी कादर का कहना है कि उमेश कट्टी एक वरिष्ठ नेता हैं। उन्हें खुद ही मर्यादा का ख्याल रखना चाहिए।
...तो प्रतिबंधित गुटखे का सदन में सेवन कर डालते
गौरतलब है कि कर्नाटक में पान मसाला और गुटखा पर प्रतिबंध है। इसके बावजूद विधानसभा की कार्रवाई के दौरान उमेश कट्टी ने जेब से गुटखा के दो पाउच निकाले और उसे खोलकर मिक्स करने ही वाले थे कि बगल में बैठे बीजेपी विधायक की नजर उन पर पड़ गई। उसने कट्टी का ध्यान कैमरे की तरफ दिलाया। कट्टी ने ऊपर की तरफ देखा और जैसे ही मीडिया स्टैंड का कैमरा अपनी तरफ देखा फौरन दोनों पाउच वापस जेब में रख लिए।
जर्दा नहीं, सिर्फ सुपारी...!
जब दिनेश कट्टी से पूछा गया कि वे प्रतिबंधित गुठखा विधानसभा में क्यों लेकर गए? तो उनकी दलील थी कि उस गुटखे में जर्दा नहीं था। सिर्फ सुपारी थी। लेकिन जब कट्टी को यह जानकारी दी गई कि वे बीजेपी सरकार में वरिष्ठ मंत्री रह चुके हैं और उन्हें पता होना चाहिए कि विधानसभा के अंदर खाने-पीने पर प्रतिबंध है। इस पर उमेश कट्टी ने कहा कि इंसान अपनी आदत का गुलाम होता है। जब तलब होती है तो हाथ अपने आप ही चल जाता है।
बीजेपी ने दी कड़ी चेतावनी
विधानसभा में बीजेपी विधायक दल के नेता जगदीश शेट्टार उमेश कट्टी की दलीलों से सहमत नहीं हैं। उन्होंने बताया कि कट्टी को कड़ी चेतावनी दी गई है और कहा गया है कि वो आगे से ऐसी हरकत न करें। यह अंतिम चेतावनी है। उधर, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री यूटी कादर का कहना है कि उमेश कट्टी एक वरिष्ठ नेता हैं। उन्हें खुद ही मर्यादा का ख्याल रखना चाहिए।
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