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This Article is From Apr 21, 2017

'हमें नाम बदलने का हक़ है और हम बदलेंगे' : अरुणाचल मामले पर भारत की आपत्ति को चीन ने किया खारिज

'हमें नाम बदलने का हक़ है और हम बदलेंगे' : अरुणाचल मामले पर भारत की आपत्ति को चीन ने किया खारिज
नई दिल्ली: अरुणाचल प्रदेश के छह इलाकों के नाम बदलने के अपने फैसले पर चीन ने कहा है कि ऐसा करना उसका 'कानूनी अधिकार' है. चीन का दावा है कि वह नाम बदल सकता है क्योंकि इस राज्य का एक हिस्सा 'दक्षिणी तिब्बत' है. हालांकि भारत सालों से पड़ोसी देश के इस दावे को नकारता आ रहा है.

गौरतलब है कि इस महीने दलाई लामा के अरुणाचल प्रदेश दौरे पर आपत्ति जताते हुए चीन के नागिरक मामलों के मंत्रालय ने इस क्षेत्र के छह इलाकों के चीनी नाम रखने का ऐलान किया. इस पर गुरुवार को शहरी विकास मंत्री वैंकेया नायडू ने साफ शब्दों में दोहराया कि अरुणाचल भारत का अभिन्न हिस्सा है और चीन के पास भारतीय इलाकों के नाम बदलने का अधिकार नहीं है. उन्होंने पूछा कि क्या कोई पड़ोसी आपका नाम बदलने का अधिकार रखता है.

इससे पहले चीन ने भारत को चेताया था कि अरुणाचल में दलाई लामा का आना दोनों देशों के बीच रिश्तों को नुकसान पहुंचा सकता है. चीन ने 81 साल के तिब्बती नेता को एक खतरनाक अलगाववादी बताया है जो तिब्बत को चीन से दूर करना चाहता है. वहीं भारत दोहराता आया है कि दलाई लामा के इस दौरे का मकसद धार्मिक एकता के मद्देनज़र था और इसका कोई राजनीतिक मतलब न निकाला जाए. भारत ने जोर देते हुए यह भी कहा कि चीन का भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है.

गौरतलब है कि अगर चीन आने वाले दिनों में अंतरराष्ट्रीय संस्थानों और सर्च इंजनों पर चीनी शब्दों के प्रयोग के लिए दबाव डालता है तो भारत और चीन के बीच तनाव और बढ़ेगा. चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि अगले कुछ दिनों में वह अरुणाचल प्रदेश के कुछ और इलाकों के नाम का एलान कर सकते हैं.

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