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This Article is From Jul 13, 2019

12 राज्‍यों में पानी का गंभीर संकट, मॉनसून नहीं सुधरा तो और बिगड़ेंगे हालात

चेन्नई का हाल दरअसल देश के एक बड़े हिस्से का हाल बन चुका है. बारिश हो नहीं रही और जो पानी है वो घट रहा है. दरअसल मॉनसून में एक हफ्ते की देरी से 12 राज्यों के जलाशयों पर बुरा असर पड़ा है.

25 लाख लीटर पानी लेकर एक ट्रेन चेन्‍नई के ल‍िए रवाना हुई

नई दिल्‍ली:

चेन्नई पहुंची एक रेलगाड़ी की अगवानी के लिए तकरीबन पूरी तमिलनाडु सरकार ही पहुंच गई, सबने इंजन को स्पर्श किया, प्रणाम किया. लेकिन स्वागत रेलगाड़ी का नहीं, उसमें भरकर आए पानी का हो रहा था. ये 25 लाख लीटर पानी प्यासे चेन्नई का गला तर करने के लिए वेल्लोर से लाया गया है. चेन्नई का हाल दरअसल देश के एक बड़े हिस्से का हाल बन चुका है. बारिश हो नहीं रही और जो पानी है वो घट रहा है. दरअसल मॉनसून में एक हफ्ते की देरी से 12 राज्यों के जलाशयों पर बुरा असर पड़ा है. केंद्रीय जल आयोग ने 11 जुलाई को जलाशयों में पानी के स्तर को लेकर जो रिपोर्ट जारी की है वो डराने वाली है. महाराष्ट्र के 17 बड़े जलाशयों में सामान्य से 34% कम पानी है. महाराष्ट्र के 4 बड़े बांध पूरी तरह से सूख चुके हैं, यानी इनसे सिंचाई और पीने के लिए पानी नहीं दिया जा सकता है. गुजरात के जलाशयों में सामान्य से 10% कम पानी है. दक्षिण के आंध्र में जलाशयों में सामान्य से 83% कम पानी बचा है. केरल के जलाशयों में सामान्य से 55% कम पानी है. तमिलनाडु के जलाशयों में 54% कम पानी है और तेलंगाना के जलाशयों में सामान्य से 50% कम पानी है. उत्तर प्रदेश के जलाशयों में सामान्य से 15% कम पानी है.

सूखे की वजह से देश की हालत खराब, सर्जरी के लिए भी पानी खरीदने को मजबूर हैं चेन्नई के डॉक्टर

लेकिन देश के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर बिल्कुल निराश नहीं हैं. उनको हर तरह की उम्मीदें हैं. नरेंद्र सिंह तोमर ने एनडीटीवी से कहा, मॉनसून में इसी बार देरी हुई है. लेकिन आज जो घोषित किया गया है उससे उम्‍मीद है कि एकाध हफ्ते में मॉनसून में सुधार होगा. हम हालात को गंभीरता ले रहे हैं और राज्‍यों से लगातार संपर्क में हैं. उम्‍मीद करनी चाहिए कि हालात ठीक होंगे.'

पानी के संकट का अहसास राजनीतिक दलों को भी है और नेताओं को भी, वो वजह भी जानते हैं लेकिन उनकी राजनीति के एजेंडे में पानी का मुद्दा बहुत पीछे है. समाजवादी पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव ने कहा, 'हमें जल के संरक्षण के लिए पहल करना होगा. वर्षा के पानी का संरक्षण करना होगा. हमें अपने जलाशयों को पुनर्जीवित करना होगा, कई जलाशयों पर बिल्डरों ने अवैध कब्ज़ा कर लिया है." वहीं कांग्रेस के सांसद शशि थरूर ने कहा, 'केरल में हालत गंभीर है. भारत सरकार को केरल की मदद करनी चाहिये.'

साफ है, सरकार को उम्मीद है कि अगले दो हफ्ते में मॉनसून के हालात सुधरेंगे और 12 राज्यों में जारी जल संकट से निबटने में इससे मदद भी मिलेगी. लेकिन अगर मॉनसून में उम्मीद के मुताबिक सुधार नहीं हुआ तो पानी का ये संकट और बड़ा हो सकता है.

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