विज्ञापन
This Article is From Jul 15, 2019

देश के 12 राज्यों में पानी का संकट, खरीफ फसल का रकबा घटा

खरीफ फसलों की बुआई के लिए ज़रूरी पानी नहीं मिल पा रहा. नतीजा खरीफ फसलों का रकबा घट गया

देश के 12 राज्यों में पानी का संकट, खरीफ फसल का रकबा घटा
प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:

कमजोर मानसून की वजह से देश के 12 राज्यों के जलाशयों में पानी का स्तर औसत से नीचे गिर चुका है और महाराष्ट्र से लेकर तमिलनाडु तक कई बड़े राज्य पानी के संकट से जूझ रहे हैं. बारिश कम हो रही है तो किसानों को खरीफ फसलों की बुआई के लिए ज़रूरी पानी नहीं मिल पा रहा. नतीजा, बुआई का क्षेत्र घट गया है.

कृषि मंत्रालय के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल 12 जुलाई तक चावल की बुआई 109.88 लाख हेक्टेयर में हुई थी जो 2019 में 12 जुलाई तक घटकर 97.77 लाख हेक्टेयर रह गई है. यानी अब तक कमज़ोर मानसून की वजह से चावल की बुआई 12.11 लाख हेक्टेयर घटी है.

यही हाल दलहन की फसलों का भी है. पिछले साल 12 जुलाई तक दलहन की फसल की बुआई 45.73 लाख हेक्टेयर इलाके में हुई थी जो 2019 में 12 जुलाई तक घट कर 34.22 लाख हेक्टेयर रह गई है, यानी कमज़ोर मानसून की वजह से दलहन की बुआई 11.51 लाख हेक्टेयर कम हुई है.

दरअसल अगर सभी खरीफ फसलों की बुआई को देखें तो गिरावट और बड़ी हो जाती है.  पिछले साल के मुकाबले 12 जुलाई 2019 को खरीफ फसलों की बुआई 452.30 लाख हेक्टेयर से घटकर 413.34 लाख हेक्टेयर रह गई है. यानी 38.96 लाख हेक्टेयर की गिरावट.

जल शक्ति मंत्री गजेंद्र शेखावत ने कहा मानसून देर से आया है. इस संकट से निपटने के लिए कैबिनेट सचिव ने जिला अधिकारियों से वीडियो कान्फ्रेसिंग के ज़रिए हालात का जायज़ा लिया है. बीजेपी  सांसद जगदंबिका पाल ने कहा इस बार मानसून देर से आया है. धान की फसल की बुआई के लिए ज़्यादा पानी की ज़रूरत होती है.

जहां एक तरफ महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक,केरल में पानी का संकट है. वहीं बाढ़ में असम में किसानों की फसल बर्बाद हुई हैं. बिहार से लेकर असम तक बड़े इलाक़े में अलग-अलग बाढ़ ने फ़सलें तबाह कर दी हैं.

रामेश्वर तेली, सांसद, असम- मैं कल अपने संसदीय क्षेत्र गया था. वहां किसानों की काफी फसल बर्बाद हुई है...मैं गृह मंत्री से मिलूंगा और असम के बाढ़-पीड़ितों के लिए और मदद की मांग करूंगा... असम के बाढ़ पीड़ित किसानों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए के लिए उन्हें मुआवज़े मिलना चाहिए.  

हर साल देश सूखे और बाढ़ के ये हालात झेलता है. जाहिर है इसका ख़याल रखते हुए एक लंबी रणनीति की जरूरत है ताकि किसान कुदरती मार के आगे बेबस न महसूस करे.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
जम्‍मू-कश्‍मीर चुनाव : पहले चरण में किस पार्टी के कितने करोड़पति उम्‍मीदवार? जानिए कितनी है औसत संपत्ति
देश के 12 राज्यों में पानी का संकट, खरीफ फसल का रकबा घटा
कंगना रनौत को 'इमरजेंसी' पर राहत नहीं, 6 सितंबर को फिल्म नहीं होगी रिलीज
Next Article
कंगना रनौत को 'इमरजेंसी' पर राहत नहीं, 6 सितंबर को फिल्म नहीं होगी रिलीज
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com