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सेक्रेटरी जनरल मतगणना प्रक्रिया के लिए कर्ताधर्ता पीठासीन अधिकारी हैं.
पहले उन मतपेटियों को खोला जाएगा, जिनमें संसद भवन में वोट पड़े थे.
औपचारिक रूप से घोषणा के लिए गुरुवार शाम करीब 5 बजे तक इंतज़ार करना होगा.
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17 जुलाई को वोटिंग संसद और राज्यों की विधानसभाओं में हुई थी और अब सारे देश से मतपेटियां संसद भवन परिसर में पहुंच चुकी हैं. गुरुवार को वोटों की गिनती की शुरुआत होगी तो पहले उन मतपेटियों को खोला जाएगा, जिनमें संसद भवन में वोट पड़े थे. उसके बाद राज्यों से आई मतपेटियों के वोट गिने जाएंगे.
- संसद भवन में वोटों की गिनती के लिए 4 टेबल हैं, यानी 4 जगह पर एक साथ वोट गिने जाएंगे.
- राष्ट्रपति के चुनाव के लिए कुल साढ़े दस लाख वोट हैं और 8 राउंड की मतगणना होगी.
- राष्ट्रपति चुने जाने के लिए कुल वोटों के आधे से एक वोट अधिक हासिल करना ज़रूरी है.
- इस चुनाव में हर वोटर (सांसद और विधायक) को एक से अधिक पसंद बतानी होती हैं. यानी पहली पसंद, दूसरी पसंद इत्यादि.
- मतगणना के वक्त पहले वोटरों के पहली पसंद को जोड़ा जाता है. फिर अगले राउंड की गिनती शुरू होती है, जिसमें वोटरों की
- दूसरी, तीसरी पसंद को गिना जाता है.
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राष्ट्रपति के चुनाव में कोई व्हिप जारी नहीं होता है और इसलिए सांसद और विधायक किसी भी उम्मीदवार को वोट दे सकते हैं. सासंदों और विधायकों की ताकत को देखते हुए एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को सात लाख से अधिक वोट मिलेंगे और उन्हें जीतने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए.
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