चड्ढी बनियान गिरोह के डर से पहरा देते ग्रामीण
मुंबई:
महाराष्ट्र में सोलापुर हो लातूर, रायगढ़ या फिर मुंबई के पास विरार और पालघर। यहां रहने वाले ग्रामिणों की इन दिनों आंखों की नींद उड़ी हुई है। अफवाह है कि बड़ी संख्या में डकैतों की टोली गांव में घुस कर लूटपाट करने की फिराक में है। नतीजा डरे सहमे गांव वाले रात भर जाग कर पहरा देने को मजबूर हैं।
हालांकि पंढरपूर पुलिस के थाना इंचार्ज दयानंद गावडे का कहना है कि ये सब अफवाह है और व्हाटस्ऐप के जरिये अफवाह फैलाने वाले 11 लोगों के खिलाफ कारर्वाई भी की गई है।
चड्ढी बनियान गिरोह दरअसल खूंखार डकैतों का गिरोह है। जो मध्य प्रदेश के झाबुआ, गुजरात और महाराष्ट्र के आदिवासी इलाकों से आते हैं। जानकारों के मुताबिक ये जानबूझ कर पूरे कपड़े नहीं पहनते। सिर्फ चड्ढी और बनियान में होते हैं और शरीर पर तेल लगाये रहते हैं ताकि अगर लोगों के बीच घिर भी जायें तो पकड़ में ना आयें। ये बहुत खतरनाक भी होते हैं। अपने कपड़ों में पत्थर और हथियार भी छुपाये रखते हैं। विरोध करने पर जान लेने से भी बाज नहीं आते। यही वजह है कि गांव वाले इनसे खौफ खाते हैं।
फौरी तौर पुसिल भले ही इसे अफवाह बताये लेकिन सच ये है कि लूटपाट और विरोध करने पर हत्या जैसी वारदात को अंजाम देने वाले चड्ढी बनियान गिरोह की आहट भर से पुलिस भी सकते में है। लेकिन मीडिया और गांव वालों की बेचैनी ना बढ़े इसलिये पुलिस खामोशी से ऑपरेशन जागते रहें का साथ भी देती दिख रही है।
हालांकि पंढरपूर पुलिस के थाना इंचार्ज दयानंद गावडे का कहना है कि ये सब अफवाह है और व्हाटस्ऐप के जरिये अफवाह फैलाने वाले 11 लोगों के खिलाफ कारर्वाई भी की गई है।
चड्ढी बनियान गिरोह दरअसल खूंखार डकैतों का गिरोह है। जो मध्य प्रदेश के झाबुआ, गुजरात और महाराष्ट्र के आदिवासी इलाकों से आते हैं। जानकारों के मुताबिक ये जानबूझ कर पूरे कपड़े नहीं पहनते। सिर्फ चड्ढी और बनियान में होते हैं और शरीर पर तेल लगाये रहते हैं ताकि अगर लोगों के बीच घिर भी जायें तो पकड़ में ना आयें। ये बहुत खतरनाक भी होते हैं। अपने कपड़ों में पत्थर और हथियार भी छुपाये रखते हैं। विरोध करने पर जान लेने से भी बाज नहीं आते। यही वजह है कि गांव वाले इनसे खौफ खाते हैं।
गांव के युवक राजेश म्हात्रे ने बताया कि हम अलग-अलग टोली बनाकर घूमते हैं। एक टोली में कम से कम 10 से 15 लोग होते हैं और पास में डंडा, टॉर्च और सीटी भी रखते हैं। साथ में पुलिस के 2 हथियारबंद जवान भी रहते हैं ताकि अगर डकैत मिल जाएं तो उनसे मुकाबला कर सकें। सफाले गांव के ही सुजीत पाटिल के मुताबिक ग्राम सुरक्षा दल के सभी युवकों का एक व्हाट्सऐप ग्रुप भी बनाया गया है। जिसके जरिये तुरंत सूचना देकर सभी को एलर्ट किया जाता है।
फौरी तौर पुसिल भले ही इसे अफवाह बताये लेकिन सच ये है कि लूटपाट और विरोध करने पर हत्या जैसी वारदात को अंजाम देने वाले चड्ढी बनियान गिरोह की आहट भर से पुलिस भी सकते में है। लेकिन मीडिया और गांव वालों की बेचैनी ना बढ़े इसलिये पुलिस खामोशी से ऑपरेशन जागते रहें का साथ भी देती दिख रही है।
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