भारत-चीन के बीच तनातनी के बीच भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) का एक मालवाहक विमान C-17 ग्लोबमास्टर आज लद्दाख के लेह एयरबेस पर सैनिकों के लिए रसद लेकर उतरा. अत्यधिक ऊंचाई वाले क्षेत्र में हवाई पट्टी पर उतरने वाले इस विशाल, मजबूत, लंबे-पतले डैने वाले विमान का एक लैंडिंग वीडियो समाचार एजेंसी एनआई ने साझा किया है. यह जंबो मालवाहक विमान किसी भी मौसम में लंबी दूरी तक बड़े लड़ाकू उपकरण, सैनिक और मानवीय सहायता ले जा सकता है.
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समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, सेना ने चीन के साथ बढ़ते सीमा तनाव के बीच पूर्वी लद्दाख में उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारी हथियारों, गोला-बारूद, ईंधन, भोजन और आवश्यक सर्दियों की आपूर्ति तेज कर दी है.
#WATCH: Indian Air Force's C-17 Globemaster transport aircraft landing at the Leh airbase in Ladakh with supplies for troops deployed in forward areas. pic.twitter.com/QV6L7sQsQD
— ANI (@ANI) October 10, 2020
सूत्रों के हवाले से समाचार रिपोर्ट में दावा किया गया है कि शीर्ष कमांडरों के एक समूह द्वारा जुलाई के मध्य में इस विमान को लेह एयरबेस पर उतारने के लिए अभ्यास के कार्यान्वयन की योजना बनाई गई थी. उसकी देखरेख में चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ जनरल एमएम नरवाना भी व्यक्तिगत रूप से शामिल थे. इसके लिए सी -130 जे सुपर हरक्यूलिस और सी -17 ग्लोबमास्टर सहित वायु सेना के लगभग सभी मालवाहक विमान और हेलीकॉप्टर का उपयोग किया गया था.
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C-17 का बेड़ा भारतीय वायु सेना की सामरिक और युद्धक क्षमता का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है. 2013 में स्काई लॉर्ड्स स्क्वाड्रन में शामिल होने के बाद से, इसने सैन्य अभियानों में व्यापक ऑपरेशन किया है, और देश के अंदर तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति सहायता, मानवीय सहायता और आपदा राहतमें भूमिका निभाई है.
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