नसीम जैदी.(फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
गुरुवार को चुनाव आयोग ने उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी है. चुनाव आयोग ने उपराष्ट्रपति पद के चुनाव का कार्यक्रम घोषित किया. उपराष्ट्रपति चुनाव (यदि जरूरी हुआ तो) पांच अगस्त को होगा. सुबह दस बजे से शाम पांच बजे तक मत डाले जाएंगे. मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने बताया कि उपराष्ट्रपति चुनाव की अधिसूचना चार जुलाई को जारी की जाएगी. नामांकन भरने की अंतिम तिथि 18 जुलाई होगी तथा छंटनी का कार्य 19 जुलाई को किया जाएगा. उपराष्ट्रपति चुनाव की मतगणना मतदान वाले दिन, पांच अगस्त को ही होगी. मौजूदा उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के कार्यकाल का अंतिम दिन 10 अगस्त 2017 है. वह दो बार से इस पद पर हैं. सूत्रों के मुताबिक एनडीए खेमे की तरफ से केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू और राज्यपाल नजमा हेपतुल्लाह का नाम इस पद की रेस में सबसे आगे चल रहा है.
हालांकि इस संबंध में केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू ने अपना रुख साफ करते हुए कहा है कि उनकी किसी भी रस्मी पद में दिलचस्पी नहीं है क्योंकि ऐसा पद उन्हें लोगों से दूर रखेगा. सिर्फ इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई उन्हें बाध्य करेगा तो भी वह उपराष्ट्रपति का चुनाव नहीं लड़ेंगे. केंद्रीय शहरी विकास मंत्री ने कहा कि लोगों से मिलकर और उनकी सेवा करके उन्हें खुशी होती है. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि उनके उपराष्ट्रपति चुनाव लड़ने की कोई गुंजाइश नहीं है.
नायडू ने कहा, ''अगर कोई मुझे बाध्य कर दे तो भी मैं उपराष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा लेने नहीं जा रहा हूं.'' मंत्री ने कहा, ''मुझे लोगों से मिलकर, उनके बीच रहकर और उनकी सेवा करके खुशी होती है. मैं कोई रस्मी पद लेकर लोगों से दूर नहीं रह सकता हूं.'' नायडू ने हाल में घोषणा की थी कि वह न तो राष्ट्रपति बनेंगे और न ही उपराष्ट्रपति, लेकिन उषा (नायडू की पत्नी का नाम) का पति होने के नाते उन्हें खुशी है.
उन्होंने कहा, ''मैं बिना किसी बाधा के बोलना चाहता हूं और जो महसूस करता हूं वही बोलता हूं, विभिन्न स्थानों की यात्रा करता हूं और उनका खाना खाता हूं.''
राज्यसभा और लोकसभा के निर्वाचित और नामांकित सदस्य उपराष्ट्रपति का चुनाव करते हैं. गौरतलब है कि उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति भी होता है. इस समय दोनों सदनों की कुल सदस्य संख्या 790 है लेकिन कुछ सीट रिक्त हैं.
हालांकि इस संबंध में केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू ने अपना रुख साफ करते हुए कहा है कि उनकी किसी भी रस्मी पद में दिलचस्पी नहीं है क्योंकि ऐसा पद उन्हें लोगों से दूर रखेगा. सिर्फ इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई उन्हें बाध्य करेगा तो भी वह उपराष्ट्रपति का चुनाव नहीं लड़ेंगे. केंद्रीय शहरी विकास मंत्री ने कहा कि लोगों से मिलकर और उनकी सेवा करके उन्हें खुशी होती है. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि उनके उपराष्ट्रपति चुनाव लड़ने की कोई गुंजाइश नहीं है.
नायडू ने कहा, ''अगर कोई मुझे बाध्य कर दे तो भी मैं उपराष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा लेने नहीं जा रहा हूं.'' मंत्री ने कहा, ''मुझे लोगों से मिलकर, उनके बीच रहकर और उनकी सेवा करके खुशी होती है. मैं कोई रस्मी पद लेकर लोगों से दूर नहीं रह सकता हूं.'' नायडू ने हाल में घोषणा की थी कि वह न तो राष्ट्रपति बनेंगे और न ही उपराष्ट्रपति, लेकिन उषा (नायडू की पत्नी का नाम) का पति होने के नाते उन्हें खुशी है.
उन्होंने कहा, ''मैं बिना किसी बाधा के बोलना चाहता हूं और जो महसूस करता हूं वही बोलता हूं, विभिन्न स्थानों की यात्रा करता हूं और उनका खाना खाता हूं.''
राज्यसभा और लोकसभा के निर्वाचित और नामांकित सदस्य उपराष्ट्रपति का चुनाव करते हैं. गौरतलब है कि उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति भी होता है. इस समय दोनों सदनों की कुल सदस्य संख्या 790 है लेकिन कुछ सीट रिक्त हैं.
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