विहिप ने देशभर में प्रदर्शन किए।
लखनऊ:
उत्तर प्रदेश सरकार ने सोमवार की शाम विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के नेता अशोक सिंघल के साथ 958 विहिप नेताओं व कार्यकर्ताओं को रिहा कर दिया। प्रवीण तोगड़िया की रिहाई को लेकर हालांकि अभी भी संशय बना हुआ है। उधर, रविवार को विहिप नेताओं और संतों की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदेशभर में कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किए।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने दोपहर को अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को अशोक सिंघल, प्रवीण तोगड़िया और संत रामाभद्राचार्य को तत्काल रिहा करने के आदेश दिए। याचिका में इन तीनों की गिरफ्तारी को कानून के खिलाफ बताया गया था।
गिरफ्तारी के बाद लखनऊ के एक अतिथि गृह में रखे गए अशोक सिंघल और संत रामाभद्राचार्य को अदालत के फैसले के बाद शाम को राज्य सरकार ने रिहा कर दिया।
सिंघल ने रिहाई के बाद राज्य सरकार पर हमला करते हुए कहा कि सपा सरकार वोट बैंक की राजनीति कर रही है। सिर्फ एक समुदाय विशेष को खुश करना ही उसका एजेंडा है। उन्होंने कहा कि विहिप ने किसी राजनीतिक कारण से नहीं, बल्कि राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने की मांग को लेकर चौरासी कोसी परिक्रमा शुरू करने का ऐलान किया था। कुछ लोग इसके बारे में मैच फिक्सिंग जैसी निराधार और बेहूदी बातें कर रहे हैं।
अदालत के आदेश के बावजूद तोगड़िया को फिलहाल रिहा नहीं किया गया है। इस बारे में पूछे जाने पर गृह विभाग के सचिव कमल सक्सेना ने संवाददाताओं को बताया कि तोगड़िया, राम विलास वेदांती और पूर्व विधायक लल्लू सिंह को फैजाबाद जिला प्रशासन ने एटा जेल भेजा है।
सक्सेना ने कहा कि जिन लोगों से शंति भंग की आशंका नहीं है, उन्हें रिहा किया जाएगा। ऐसी अटकलें हैं कि एटा पहुंचने पर तोगड़िया को देर रात तक रिहा किया जा सकता है। वेदांती और लल्लू सिंह के बारे में कहा जा रहा है कि फिलहाल वह जेल में ही रहेंगे।
गृह सचिव ने बताया कि कुल गिरफ्तार 2454 लोगों में से 958 लोगों को सोमवार शाम चार बजे तक रिहा कर दिया गया।
उधर, सपा के प्रदेश प्रवक्ता एवं जेल मंत्री राजेंद्र चौधरी ने कहा कि जिन लोगों के बारे में सरकार आश्वस्त नहीं होगी उन्हें फिलहाल जेल में रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि जो लोग जेल में हैं वे चिंता न करें। उन्हें जेल मैनुअल के हिसाब से सारी सुविधाएं मिलेंगी।
चौधरी ने कहा, "मैं एक बार फिर दोहराना चाहता हूं कि जो लोग कानून हाथ में लेंगे, प्रदेश सरकार उनसे सख्ती से निपटेगी।"
चौरासी कोसी परिक्रमा शुरू करने के लिए रविवार को अयोध्या पहुंचे विहिप नेता तोगड़िया को वहीं पर सरयू नदी के निकट एक मंदिर से गिरफ्तार किया गया था, जबकि सिंघल और रामाभद्राचार्य को लखनऊ हवाईअड्डे से गिरफ्तार किया गया था।
विहिप नेताओं और संतों की गिरफ्तारी के विरोध में विहिप कार्यकर्ताओं ने लखनऊ, इलाहाबाद, मेरठ, वाराणसी, कानपुर और झांसी सहित विभिन्न जिलों में राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।
कई स्थानों पर पुलिस के साथ विहिप कार्यकर्ताओं की नोकझोंक भी हुई। इन लोगों ने राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और गिरफ्तार किए गए संतों और विहिप नेताओं की रिहाई की मांग की। प्रदर्शन के दौरान कहीं से हिंसा की खबर नहीं आई।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने दोपहर को अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को अशोक सिंघल, प्रवीण तोगड़िया और संत रामाभद्राचार्य को तत्काल रिहा करने के आदेश दिए। याचिका में इन तीनों की गिरफ्तारी को कानून के खिलाफ बताया गया था।
गिरफ्तारी के बाद लखनऊ के एक अतिथि गृह में रखे गए अशोक सिंघल और संत रामाभद्राचार्य को अदालत के फैसले के बाद शाम को राज्य सरकार ने रिहा कर दिया।
सिंघल ने रिहाई के बाद राज्य सरकार पर हमला करते हुए कहा कि सपा सरकार वोट बैंक की राजनीति कर रही है। सिर्फ एक समुदाय विशेष को खुश करना ही उसका एजेंडा है। उन्होंने कहा कि विहिप ने किसी राजनीतिक कारण से नहीं, बल्कि राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने की मांग को लेकर चौरासी कोसी परिक्रमा शुरू करने का ऐलान किया था। कुछ लोग इसके बारे में मैच फिक्सिंग जैसी निराधार और बेहूदी बातें कर रहे हैं।
अदालत के आदेश के बावजूद तोगड़िया को फिलहाल रिहा नहीं किया गया है। इस बारे में पूछे जाने पर गृह विभाग के सचिव कमल सक्सेना ने संवाददाताओं को बताया कि तोगड़िया, राम विलास वेदांती और पूर्व विधायक लल्लू सिंह को फैजाबाद जिला प्रशासन ने एटा जेल भेजा है।
सक्सेना ने कहा कि जिन लोगों से शंति भंग की आशंका नहीं है, उन्हें रिहा किया जाएगा। ऐसी अटकलें हैं कि एटा पहुंचने पर तोगड़िया को देर रात तक रिहा किया जा सकता है। वेदांती और लल्लू सिंह के बारे में कहा जा रहा है कि फिलहाल वह जेल में ही रहेंगे।
गृह सचिव ने बताया कि कुल गिरफ्तार 2454 लोगों में से 958 लोगों को सोमवार शाम चार बजे तक रिहा कर दिया गया।
उधर, सपा के प्रदेश प्रवक्ता एवं जेल मंत्री राजेंद्र चौधरी ने कहा कि जिन लोगों के बारे में सरकार आश्वस्त नहीं होगी उन्हें फिलहाल जेल में रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि जो लोग जेल में हैं वे चिंता न करें। उन्हें जेल मैनुअल के हिसाब से सारी सुविधाएं मिलेंगी।
चौधरी ने कहा, "मैं एक बार फिर दोहराना चाहता हूं कि जो लोग कानून हाथ में लेंगे, प्रदेश सरकार उनसे सख्ती से निपटेगी।"
चौरासी कोसी परिक्रमा शुरू करने के लिए रविवार को अयोध्या पहुंचे विहिप नेता तोगड़िया को वहीं पर सरयू नदी के निकट एक मंदिर से गिरफ्तार किया गया था, जबकि सिंघल और रामाभद्राचार्य को लखनऊ हवाईअड्डे से गिरफ्तार किया गया था।
विहिप नेताओं और संतों की गिरफ्तारी के विरोध में विहिप कार्यकर्ताओं ने लखनऊ, इलाहाबाद, मेरठ, वाराणसी, कानपुर और झांसी सहित विभिन्न जिलों में राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।
कई स्थानों पर पुलिस के साथ विहिप कार्यकर्ताओं की नोकझोंक भी हुई। इन लोगों ने राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और गिरफ्तार किए गए संतों और विहिप नेताओं की रिहाई की मांग की। प्रदर्शन के दौरान कहीं से हिंसा की खबर नहीं आई।
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