महाराष्ट्र में राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के साथ शिवसेना के जुड़ जाने पर भी वीर सावरकर (Veer Savarkar) के पौत्र रंजीत सावरकर ने उम्मीद जताई है कि शिवसेना अपने हिंदुत्व के ऐजेंडे पर अडिग रहेगी. रंजीत ने कहा, ''जहां तक मैं उद्धव जी को जानता हूं, वह कभी भी अपनी हिंदुत्व विचारधारा को नहीं छोड़ेंगे और सत्ता के लिए वीर सावरकर को भारत रत्न देने की मांग से पीछे नहीं हटेंगे. उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि शिवसेना हिंदुत्व पर कांग्रेस का रुख बदल देगी.''
Ranjeet, Veer Savarkar's grandson, on Shiv Sena joining hands with NCP-Congress: As far as I know Uddhav ji, he won't ever leave his Hindutva ideology&back off from demand of Bharat Ratna to Veer Savarkar for power. I'm confident,Shiv Sena will change Congress' stance on Hindutva pic.twitter.com/XYeCGjE8Vc
— ANI (@ANI) November 15, 2019
मालूम हो कांग्रेस वीर सावरकर को भारत रत्न देने और उनकी विचारधारा के खिलाफ जरूर है लेकिन उसने कभी उनकी देशभक्ति को लेकर सवाल नहीं उठाया है. बीते महीने कांग्रेस नेता और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा था, ''सावरकर जी ने जिसे संरक्षण दिया और जिसका समर्थन करते रहे' कांग्रेस उसके पक्ष में नहीं है.'' डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा कि इंदिरा गांधी ने बतौर प्रधानमंत्री सावरकर की याद में डाक टिकट जारी किया था. हम सावरकर जी के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि उस विचारधारा के खिलाफ हैं, जिसके पक्ष में वे (सावरकर) खड़े थे.
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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने महाराष्ट्र में चुनाव मतदान वाले दिन ट्वीट पर सावरकर की तारीफ की थी. उन्होंने लिखा था, ''मैं व्यक्तिगत तौर पर सावरकर की विचारधारा से सहमत नहीं हूं लेकिन इस तथ्य को नकारा नहीं जा सकता कि वह निपुण व्यक्ति थे जिन्होंने आजादी की लड़ाई में भूमिका निभाई, दलित अधिकारों की लड़ाई लड़ी और देश के लिए जेल गए. यह कभी नहीं भूलना चाहिए.''
इससे पहले बीते महीने ही रणजीत सावरकर ने कहा था, 'इंदिरा गांधी ने वीर सावरकर को सम्मानित किया था . मुझे दृढ़ता से लगता है कि वह (इंदिरा) अनुयायी थीं, क्योंकि उन्होंने (इंदिरा) पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया था. सेना और विदेशी संबंधों को मजबूत किया और उन्होंने परमाणु परीक्षण भी किया. यह सब नेहरू और गांधी के फिलॉसफी के खिलाफ है.'
बता दें बीजेपी ने महाराष्ट्र चुनाव से पहले अपने चुनावी घोषणापत्र में सावरकर को भारत रत्न दिये जाने की मांग की थी. शिवसेना भी वीर सावरकर को भारत रत्न दिए जाने की मांग करती रही है. जबकि कांग्रेस और एनसीपी ने इसका विरोध किया है.
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