गौचर:
सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह ने आज आश्वासन दिया कि बाढ़ प्रभावित उत्तराखंड के विभिन्न स्थानों पर फंसे सभी लोगों को बाहर निकालने तक उनका अभियान जारी रहेगा।
प्रभावित क्षेत्रों के एक दिवसीय दौरे पर आए जनरल सिंह ने कहा कि उन्होंने अपने कमांडरों से प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से किसी आग्रह का इंतजार किए बगैर सक्रिय तरीके से ‘बेहद मुश्किल स्थितियों में’ राहत अभियान चलाने के लिए कहा है।
उन्होंने कहा, हमें खबर मिल रही है कि कुछ खास क्षेत्रों में अब भी कुछ जिंदा लोग हो सकते हैं। गुरुवार को हमें खबर मिली कि बद्रीनाथ के उत्तरी भाग में करीब 40 लोग फंसे हैं। हमने अभियान चलाया, लेकिन उन्हें खोज नहीं पाए। उन्होंने कहा कि अगर मौसम सही रहा तो हम ऐसा फिर करेंगे। हमारा प्रयास सभी नागरिकों को बाहर निकालना है।
जनरल सिंह ने कहा कि वह सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ और वायुसेना के जवानों के प्रयासों की सराहना के लिए दौरे पर आए हैं।
उन्होंने कहा, इस मौके पर मैं हेलीकॉप्टर हादसे में जान गंवाने वालों के प्रति संवेदना भी व्यक्त करना चाहता हूं। सेना प्रमुख ने कहा कि राहत अभियान में तैनात कई जवान गढ़वाल राइफल्स इकाई के हैं और गढ़वाल स्काउट्स उत्तराखंड के हैं और उनके परिवार भी बाढ़ से प्रभावित हैं।
सिंह ने कहा कि वे इस भूमि के पुत्र हैं और उनमें से ज्यादातर भी प्रभावित हैं। मैं आपको बताना चाहता हूं कि इन जवानों ने परिजनों के पास जाने के लिए छुट्टी लेने से इनकार कर दिया और वे अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं। क्षेत्र में बलों के बीच समन्वय के बारे में जनरल सिंह ने कहा कि यह मुश्किल अभियान है, लेकिन एजेंसियों ने मिलकर काम किया है।
उन्होंने कहा, सभी एजेंसियों ने अपना योगदान दिया है और संख्या मत गिनिए। सभी एजेंसियों ने मिलकर काम किया। वायुसेना ने शानदार काम किया है। काफी चुनौती थी, क्योंकि सड़कें और संचार का माध्यम नहीं था। मैं यहां जवानों की सराहना करने और उन्हें ‘शाबाशी’ देने आया हूं। मध्य सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चैत के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए जनरल सिंह ने कहा कि उन्होंने चैत से कहा है कि राहत अभियान के लिए किसी आग्रह का इंतजार नहीं किया जाए।
गोचर का दौरा करने के बाद सेना प्रमुख ने कहा कि वह बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे और दोपहर में देहरादून लौटेंगे जहां उनका मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा से मिलने का कार्यक्रम है।
प्रभावित क्षेत्रों के एक दिवसीय दौरे पर आए जनरल सिंह ने कहा कि उन्होंने अपने कमांडरों से प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से किसी आग्रह का इंतजार किए बगैर सक्रिय तरीके से ‘बेहद मुश्किल स्थितियों में’ राहत अभियान चलाने के लिए कहा है।
उन्होंने कहा, हमें खबर मिल रही है कि कुछ खास क्षेत्रों में अब भी कुछ जिंदा लोग हो सकते हैं। गुरुवार को हमें खबर मिली कि बद्रीनाथ के उत्तरी भाग में करीब 40 लोग फंसे हैं। हमने अभियान चलाया, लेकिन उन्हें खोज नहीं पाए। उन्होंने कहा कि अगर मौसम सही रहा तो हम ऐसा फिर करेंगे। हमारा प्रयास सभी नागरिकों को बाहर निकालना है।
जनरल सिंह ने कहा कि वह सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ और वायुसेना के जवानों के प्रयासों की सराहना के लिए दौरे पर आए हैं।
उन्होंने कहा, इस मौके पर मैं हेलीकॉप्टर हादसे में जान गंवाने वालों के प्रति संवेदना भी व्यक्त करना चाहता हूं। सेना प्रमुख ने कहा कि राहत अभियान में तैनात कई जवान गढ़वाल राइफल्स इकाई के हैं और गढ़वाल स्काउट्स उत्तराखंड के हैं और उनके परिवार भी बाढ़ से प्रभावित हैं।
सिंह ने कहा कि वे इस भूमि के पुत्र हैं और उनमें से ज्यादातर भी प्रभावित हैं। मैं आपको बताना चाहता हूं कि इन जवानों ने परिजनों के पास जाने के लिए छुट्टी लेने से इनकार कर दिया और वे अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं। क्षेत्र में बलों के बीच समन्वय के बारे में जनरल सिंह ने कहा कि यह मुश्किल अभियान है, लेकिन एजेंसियों ने मिलकर काम किया है।
उन्होंने कहा, सभी एजेंसियों ने अपना योगदान दिया है और संख्या मत गिनिए। सभी एजेंसियों ने मिलकर काम किया। वायुसेना ने शानदार काम किया है। काफी चुनौती थी, क्योंकि सड़कें और संचार का माध्यम नहीं था। मैं यहां जवानों की सराहना करने और उन्हें ‘शाबाशी’ देने आया हूं। मध्य सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चैत के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए जनरल सिंह ने कहा कि उन्होंने चैत से कहा है कि राहत अभियान के लिए किसी आग्रह का इंतजार नहीं किया जाए।
गोचर का दौरा करने के बाद सेना प्रमुख ने कहा कि वह बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे और दोपहर में देहरादून लौटेंगे जहां उनका मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा से मिलने का कार्यक्रम है।
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