राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद बीजेपी नेता
नई दिल्ली:
उत्तराखंड में कांग्रेस विधायकों की बगावत के बाद सियासी उठापटक जारी है। पूरा विवाद देहरादून राजभवन से लेकर दिल्ली में राष्ट्रपति भवन तक आ पहुंचा है। सोमवार को बीजेपी और कांग्रेस पार्टी के नेताओं के डेलिगेशन ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाक़ात की।
बीजेपी ने कहा कि राज्य में उनके पास बहुमत है और राज्यपाल को उन्हें सरकार बनाने का मौका देना चाहिए। वहीं कांग्रेस ने कहा कि राज्य में लोकतंत्र की हत्या हुई है। इस बीच प्रदेश कांग्रेस ने बाग़ियों पर कार्रवाई करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के बेटे साकेत बहुगुणा को छह साल के लिए पार्टी से निकाल दिया है।
बीजेपी डेलिगेशन में वे विधायक भी शामिल थे जो मुख्यमंत्री हरीश रावत के ख़िलाफ़ बगावती तेवर अपनाए हुए हैं। बीजेपी ने राष्ट्रपति से कहा कि हरीश रावत सरकार अल्पमत है लिहाज़ा उसे बर्ख़ास्त किया जाए। वहीं बीजेपी नेताओं की राष्ट्रपति से मुलाक़ात के कुछ देर बाद कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल भी राष्ट्रपति के दरवाज़े पहुंचा और राष्ट्रपति से मुलाक़ात कर कहा कि मुख्यमंत्री हरीश रावत को 28 मार्च तक बहुमत साबित करने का वक्त दिया जाए।
बीजेपी ने कहा कि राज्य में उनके पास बहुमत है और राज्यपाल को उन्हें सरकार बनाने का मौका देना चाहिए। वहीं कांग्रेस ने कहा कि राज्य में लोकतंत्र की हत्या हुई है। इस बीच प्रदेश कांग्रेस ने बाग़ियों पर कार्रवाई करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के बेटे साकेत बहुगुणा को छह साल के लिए पार्टी से निकाल दिया है।
बीजेपी डेलिगेशन में वे विधायक भी शामिल थे जो मुख्यमंत्री हरीश रावत के ख़िलाफ़ बगावती तेवर अपनाए हुए हैं। बीजेपी ने राष्ट्रपति से कहा कि हरीश रावत सरकार अल्पमत है लिहाज़ा उसे बर्ख़ास्त किया जाए। वहीं बीजेपी नेताओं की राष्ट्रपति से मुलाक़ात के कुछ देर बाद कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल भी राष्ट्रपति के दरवाज़े पहुंचा और राष्ट्रपति से मुलाक़ात कर कहा कि मुख्यमंत्री हरीश रावत को 28 मार्च तक बहुमत साबित करने का वक्त दिया जाए।
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