देहरादून:
उत्तराखंड में पिछले कुछ दिनों से अधिकतर स्थानों पर मौसम साफ होने के साथ ही केदार घाटी में पहाड़ियों पर पड़े 64 और शव बरामद हुए हैं, जिनका पारंपरिक विधि-विधान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया।
पुलिस महानिरीक्षक आरएस मीणा ने बताया, ये शव श्रद्धालुओं के प्रतीत होते हैं, जो मध्य जून में आई आपदा के समय जान बचाने के लिए पहाड़ियों पर चढ़ गए, लेकिन वहां भीषण ठंड की वजह से उनकी मौत हो गई।
उन्होंने बताया कि रामबाड़ा और केदारनाथ के बीच पिछले दो दिनों में कुल 64 शवों का दाह संस्कार किया गया। मीणा ने कहा, हमने घाटी में ऊंचाई वाले क्षेत्रों और पहाड़ियों पर फंसे शवों की तलाश शुरू कर दी है, जहां हम पूर्व में खराब मौसम की वजह से नहीं पहुंच सके थे। यदि मौसम ने साथ दिया, तो अगले कुछ दिन तक घाटी के जंगलचट्टी, रामबाड़ा, गौरीगांव और भीमबाली क्षेत्रों में तलाश का काम जारी रहेगा।
अधिकारी ने कहा कि साफ मौसम के अतिरिक्त हिमालय तीर्थस्थल में पूजा शुरू होने की तारीख 11 सितंबर होने के कारण भी शवों की तलाश के काम में तेजी आई है। मीणा ने बुधवार को पुलिस महानिदेशक सत्यव्रत बंसल के साथ केदारनाथ की यात्रा की और मंदिर में 11 सितंबर से शुरू होने जा रही पूजा से संबंधित तैयारियों की समीक्षा की।
महानिरीक्षक ने कहा, हालांकि, अभी हम उन क्षेत्रों पर ही ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जहां शव खुले में दिखाई दे रहे हैं, न कि उन क्षेत्रों पर जहां ये मलबे के नीचे पड़े हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में करीब 30 पुलिस और एनडीआरएफ कर्मी इस काम में लगे हैं। मौसम विभाग कार्यालय के निदेशक आनंद शर्मा ने बताया कि पिछले कुछ दिन से समूचे उत्तराखंड में बारिश बंद है और इक्का-दुक्का जगहों पर ही हल्की से मध्यम बारिश हो रही है।
पुलिस महानिरीक्षक आरएस मीणा ने बताया, ये शव श्रद्धालुओं के प्रतीत होते हैं, जो मध्य जून में आई आपदा के समय जान बचाने के लिए पहाड़ियों पर चढ़ गए, लेकिन वहां भीषण ठंड की वजह से उनकी मौत हो गई।
उन्होंने बताया कि रामबाड़ा और केदारनाथ के बीच पिछले दो दिनों में कुल 64 शवों का दाह संस्कार किया गया। मीणा ने कहा, हमने घाटी में ऊंचाई वाले क्षेत्रों और पहाड़ियों पर फंसे शवों की तलाश शुरू कर दी है, जहां हम पूर्व में खराब मौसम की वजह से नहीं पहुंच सके थे। यदि मौसम ने साथ दिया, तो अगले कुछ दिन तक घाटी के जंगलचट्टी, रामबाड़ा, गौरीगांव और भीमबाली क्षेत्रों में तलाश का काम जारी रहेगा।
अधिकारी ने कहा कि साफ मौसम के अतिरिक्त हिमालय तीर्थस्थल में पूजा शुरू होने की तारीख 11 सितंबर होने के कारण भी शवों की तलाश के काम में तेजी आई है। मीणा ने बुधवार को पुलिस महानिदेशक सत्यव्रत बंसल के साथ केदारनाथ की यात्रा की और मंदिर में 11 सितंबर से शुरू होने जा रही पूजा से संबंधित तैयारियों की समीक्षा की।
महानिरीक्षक ने कहा, हालांकि, अभी हम उन क्षेत्रों पर ही ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जहां शव खुले में दिखाई दे रहे हैं, न कि उन क्षेत्रों पर जहां ये मलबे के नीचे पड़े हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में करीब 30 पुलिस और एनडीआरएफ कर्मी इस काम में लगे हैं। मौसम विभाग कार्यालय के निदेशक आनंद शर्मा ने बताया कि पिछले कुछ दिन से समूचे उत्तराखंड में बारिश बंद है और इक्का-दुक्का जगहों पर ही हल्की से मध्यम बारिश हो रही है।
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