उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के विकास के लिए सरकार ने एक नायाब खाका खींचा है जिसके तहत हर जिले के लिए एक 'मॉडल डिस्ट्रिक्ट प्लान' तैयार किया जाएगा. यह मॉडल डिस्ट्रिक्ट प्लान ऐसे ही नहीं बनेगा बल्कि इसके लिए मंथन होगा और हर जिले की समस्याओं का बकायदा अध्ययन किया जाएगा. इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिन गुरुवार को एक उच्च स्तरीय बैठक में आवश्यक एवं विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए. इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत मुख्यमंत्री ने कैबिनेट मंत्रियों को फील्ड में जाने के निर्देश दिए हैं.निर्देशों के तहत आप सभी कैबिनेट मंत्री अब फील्ड में जाएंगे.
कैबिनेट मंत्रियों की अध्यक्षता में 18 मंडलों के लिए 18 टीमें गठित कर 18 सप्ताह के लिए कार्यक्रम तैयार किया जा रहा है. यह टीमें हर मंडल में 72 घंटे का प्रवास करेंगी. अलग-अलग जनपदों का भ्रमण करेंगी.लोगों से मिलेंगी.व्यवस्था की पड़ताल करेंगी, संभावनाओं की परख करेंगी. तत्पश्चात मंत्रियों की इन टीमों की अलग अलग रिपोर्ट 75 जिलों के नोडल अधिकारी को दी जायेंगी जिनके आधार पर हर जिले के लिए अलग-अलग मॉडल डिस्ट्रिक्ट प्लान बनाया जाएगा. मुख्यमंत्री ने नोडल अधिकारियों से अपेक्षा की है कि वह डिस्ट्रिक्ट प्लान बनाने के बाद 15 दिन के अंदर क्रियान्वयन की योजना प्रस्तुत करेंगे.
मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार इस योजना को अमलीजामा पहनाने का काम शुरू कर दिया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हर जिले की अपनी अपनी समस्या है जिसके लिए यह जरूरी है कि उन समस्याओं का निराकरण स्थानीय आधार पर बनाए गए प्लान के तहत हो. इससे प्रदेश के समग्र विकास की नई इबारत लिखी जा सकेगी.
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