गाजियाबाद में 13 साल की बेटी के कातिल पिता ने ऐसी साजिश रची, जिसे सुनकर पुलिस भी हैरान है. आरोपी पिता ने जेल जाने से बचने के लिए अपनी ही मौत का प्लॉन बनाया. मगर प्लॉन को अंजाम देने के लिए जान किसी और की ले ली. इसमें पत्नी ने भी आरोपी का साथ दिया. पति और पत्नी को गिरफ्तार कर लिया गया है. मामला गाजियाबाद के लोनी बॉर्डर इलाके का है.
20 नवंबर को पुलिस को एक लाश मिली थी. लाश बुरी तरह से जली हुई थी. लेकिन लाश पर जो कपड़े थे उसकी जेब में एक आधार कार्ड मिला था, हो सही सलामत था.इसी आधार कार्ड से पुलिस ने पहचान की, तो पुलिस सुदेश नाम के व्यक्ति के घर पहुंची. घर दिल्ली के करवाल नगर में था. पत्नी ने लाश की पहचान अपने पति सुदेश के रूप में की. शुरू में पुलिस को यह तक नहीं पता था कि पुलिस को कितनी बुरी तरह से गुमराह किया गया है.
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दो दिन पहले पुलिस को मुखबिर के माध्यम से सूचना मिली कि जिस लाश की पहचान उसकी पत्नी ने की थी, दरअसल वह सुदेश जिंदा है, और वह अपनी पत्नी से मिलने आने वाला है. कल सुदेश अपनी पत्नी से मिलने जैसे ही पहुंचा पुलिस ने उसे धर दबोचा. इसके बाद पूरा राज खुल गया. सुदेश ने पुलिस को बताया कि उसने कुछ साल पहले अपनी बेटी की हत्या की थी. जिसके चलते वह जेल गया था. जेल से कुछ समय पहले पैरोल पर बाहर आया था. पैरोल का समय खत्म हो गया था.
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लेकिन वह जेल वापस नहीं जाना चाहता था. इसलिए उसने पत्नी के साथ मिलकर प्लॉन बनाया. घर में करावल नगर इलाके के रहने वाले एक मजदूर को रिपेयर के कार्य के लिए बुलाया गया. इस दौरान मजदूर को शराब पिलाई गई, और उसकी हत्या कर दी गई. लाश को लोनी बॉर्डर इलाके में ठिकाने लगा दिया गया. जिस पर सुदेश का आधार कार्ड रख दिया गया. पति और पत्नी ने एक फिल्मी प्लान तैयार किया था. मगर उनका प्लान धरा का धरा रह गया. आखिरकार दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है.
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