कोरोनावायरस (Coronavirus) के खिलाफ रूसी वैक्सिन Sputnik V के भारत में इस्तेमाल पर आज विशेषज्ञों की एक समिति चर्चा करेगी. हैदराबाद की डॉ. रेड्डीज लैब द्वारा भारत में निर्मित इस वैक्सीन की प्रभावशीलता 91.6 प्रतिशत है, जो कि मॉडर्ना और फाइजर शॉट्स के बाद सबसे अधिक है.
भारतीय दवा नियामक की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC) Sputnik V को आपातकालीन उपयोग की मंजूरी देने पर विचार करने के लिए आज यह बैठक करेगी. 1 अप्रैल को हुई आखिरी बैठक में, सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने डॉ. रेड्डी लैब से वैक्सीन के सभी इम्युनोजेनसिटी पैरामीटर्स का डेटा जमा करने के लिए कहा था.
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कमेटी ने सभी गंभीर प्रतिकूल घटनाओं के अप्रतिबंधित डेटा के साथ-साथ विभिन्न समयों पर भारतीय और रूसी अध्ययनों के चरण III के इम्युनोजेनसिटी डेटा के तुलनात्मक विश्लेषण जमा करने को भी कहा था.
डॉ. रेड्डी ने स्पुतनिक-V के आपातकालीन उपयोग के लिए 19 फरवरी को आवेदन किया था, जो भारत समेत यूएई, वेनेजुएला और बेलारूस में क्लीनिकल ट्रायल के तीसरे चरण में है. भारत में, स्पुतनिक-V का क्लीनिकल परीक्षण 18 से 99 साल के उम्र के लोगों के बीच लगभग 1,600 लोगों पर किया जा रहा है.
स्पुतनिक-V वैक्सीन का नाम सोवियत रूस के पहले स्पेस सैटेलाइट के नाम पर रखा गया है, जो कोविड वायरस को कमजोर करने के सिद्धांत पर काम करता है और शरीर में प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं को ट्रिगर करता है. दो-खुराक वाली इस वैक्सीन की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रत्येक शॉट के लिए $ 10 से कम है. वैक्सीन को ड्राई फॉर्मेट में 2 से 8 डिग्री तापमान पर संग्रहीत किया जा सकता है.
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