भारतीय नौसेना को हिन्द महासागर पर निगरानी के लिए गार्जियन मानवरहित ड्रोन दिए जाएंगे...
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाशिंगटन यात्रा, और मौजूदा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से उनकी पहली मुलाकात से ठीक पहले अमेरिका ने भारत को 22 गार्जियन मानवरहित ड्रोन की बिक्री को मंज़ूरी दे दी है, यह जानकारी गुरुवार को समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया ने दी.
रिपोर्ट के मुताबिक सौदे को अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने मंज़ूरी दे दी है, और इसके बारे में भारत सरकार तथा ड्रोन की कैलिफोर्निया स्थित निर्माता कंपनी जनरल एटॉमिक्स को अवगत करा दिया गया है.
बताया जाता है कि यह सौदा लगभग दो अरब अमेरिकी डॉलर का होगा, तथा भारत की दृष्टि से इस सौदे को मंज़ूरी मिल जाना द्विपक्षीय रक्षा संबंधों की अहम परीक्षा में कामयाब होना है, क्योंकि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में फल-फूल रहे रिश्ते में मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आने के बाद से गर्मजोशी की कमी आई थी, क्योंकि उन्होंने भारत के प्रतिद्वंद्वी चीन को अहमियत देना बेहतर समझा, ताकि उत्तरी कोरिया के परमाणु कार्यक्रम को काबू में रखने के लिए उन्हें चीन से मदद हासिल हो सके.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को दो दिन की यात्रा के लिए अमेरिका रवाना होंगे. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसी साल अप्रैल महीने में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मुलाकात की थी, और जनवरी में कार्यभार संभालने के बाद से वह जापान, ब्रिटेन तथा वियतनाम के नेताओं से भी मिल चुके हैं, जिससे भारत में इस बात की चिंता की जाने लगी थी कि अब अमेरिका के लिए भारत से संबंध अहम नहीं रहे हैं.
हिन्द महासागर पर निगरानी रखने की खातिर भारतीय नौसेना को यह मानवरहित सर्वेलेंस ड्रोन मिलने जा रहे हैं, और यह किसी ऐसे देश द्वारा पहला सौदा है, जो किसी नाटो गठबंधन का हिस्सा नहीं है.
रिपोर्ट के मुताबिक सौदे को अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने मंज़ूरी दे दी है, और इसके बारे में भारत सरकार तथा ड्रोन की कैलिफोर्निया स्थित निर्माता कंपनी जनरल एटॉमिक्स को अवगत करा दिया गया है.
बताया जाता है कि यह सौदा लगभग दो अरब अमेरिकी डॉलर का होगा, तथा भारत की दृष्टि से इस सौदे को मंज़ूरी मिल जाना द्विपक्षीय रक्षा संबंधों की अहम परीक्षा में कामयाब होना है, क्योंकि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में फल-फूल रहे रिश्ते में मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आने के बाद से गर्मजोशी की कमी आई थी, क्योंकि उन्होंने भारत के प्रतिद्वंद्वी चीन को अहमियत देना बेहतर समझा, ताकि उत्तरी कोरिया के परमाणु कार्यक्रम को काबू में रखने के लिए उन्हें चीन से मदद हासिल हो सके.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को दो दिन की यात्रा के लिए अमेरिका रवाना होंगे. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसी साल अप्रैल महीने में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मुलाकात की थी, और जनवरी में कार्यभार संभालने के बाद से वह जापान, ब्रिटेन तथा वियतनाम के नेताओं से भी मिल चुके हैं, जिससे भारत में इस बात की चिंता की जाने लगी थी कि अब अमेरिका के लिए भारत से संबंध अहम नहीं रहे हैं.
हिन्द महासागर पर निगरानी रखने की खातिर भारतीय नौसेना को यह मानवरहित सर्वेलेंस ड्रोन मिलने जा रहे हैं, और यह किसी ऐसे देश द्वारा पहला सौदा है, जो किसी नाटो गठबंधन का हिस्सा नहीं है.
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