अमेरिकी सरकार ने 26/11 के मुंबई हमले के आऱोपी तहव्वुर राणा (Tahawwur Rana) को भारत प्रत्यर्पित (Extradition) करने के लिए फेडरल कोर्ट से अनुरोध किया है. 59 साल के तहव्वुर राणा 2008 के मुंबई हमले (Mumbai terror attack) को लेकर कई आपराधिक आरोपों का सामना कर रहा है. भारतीय एजेंसियां हमलों में उसकी संलिप्तता को लेकर उसे भारत लाने का प्रयास कर रही हैं. बाइडेन प्रशासन ने लास एंजिलिस के फेडरल कोर्ट से पाकिस्तानी मूल के कनाडाई कारोबारी तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित करने का अनुरोध किया है. राणा को भारत ने भगोड़ा अपराधी घोषित किया है, जहां कानूनी एजेंसियां कानूनी कठघरे में खड़े करने का प्रयास कर रही हैं.
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लास एंजिलिस की सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट ऑफ कैलीफोर्निया की यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के समक्ष अमेरिकी सरकार ने तर्क दिया है कि भारत की प्रत्यर्पण याचिका के पक्ष में पर्याप्त सबूत हैं. उसके खिलाफ आपराधिक आरोपों को लेकर भारत उसे अपने देश प्रत्यर्पित लेने का प्रयास कर रहा है. अमेरिकी सरकार के वकीलों ने कोर्ट के समक्ष पिछले हफ्ते पेश किए गए अपने प्रतिवेदन में कहा है, प्रत्यर्पण के लिए सभी पर्याप्त साक्ष्यों के आधार को लेकर हम संतुष्ट हैं.कोर्ट तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण के लिए अमेरिकी विदेश विभाग को प्रमाणित करता है, ताकि इसे आवेदक को सौंपा जा सके.
दस्तावेजों में कहा गया है, भारत द्वारा पेश किए गए सबूतों के आधार पर प्रतीत होता है कि राणा ने फर्जी दस्तावेजों के जरिये भारत सरकार के खिलाफ फर्जीवाड़ा किया. भारतीय आपराधिक कानूनों के प्रावधानों के तहत धोखाधड़ी के मकसद को लेकर कोई संदेह नहीं है.
गौरतलब है कि मुंबई हमले में 166 लोग मारे गए हैं. इनमें से छह अमेरिकी शामिल हैं. तहव्वुर राणा को भारत के प्रत्यर्पण के अनुरोध के बाद 10 जून 2020 को दोबारा गिरफ्तार किया गया था.अमेरिका, भारत और अन्य देशों की एजेंसियों के तमाम खुलासों से यह साबित हो चुका है कि हमले की साजिश पाकिस्तान में रची गई थी. इसे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की पूरी मदद हासिल थी.
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