अमेरिका ने भारत को 664 करोड़ रुपये के रक्षा उपकरण, सॉफ्टवेयर बेचने को दी मंजूरी

अमेरिकी संसद कांग्रेस को भेजे बिक्री अधिसूचना में, डीएससीए ने कहा कि भारत-प्रशांत और दक्षिण एशिया क्षेत्र में राजनीतिक स्थिरता, शांति और आर्थिक प्रगति की दिशा में भारत एक महत्वपूर्ण शक्ति है.

अमेरिका ने भारत को 664 करोड़ रुपये के रक्षा उपकरण, सॉफ्टवेयर बेचने को दी मंजूरी

अमेरिका ने भारत को 90 मिलियन डॉलर के रक्षा उपकरण और सर्विस बेचने को मंजूरी दी है.

खास बातें

  • अमेरिका ने भारत को 90 मिलियन डॉलर के रक्षा उपकरण बेचने को दगी मंजूरी
  • प्रस्तावित बिक्री अमेरिका-भारतीय सामरिक संबंधों को मजबूत करेगी
  • 2016 में US ने बड़ा कदम उठाते भारत को "मेजर डिफेंस पार्टनर नामित किया था
वाशिंगटन:

अमेरिका ने भारत को 90 मिलियन डॉलर यानी 663.61 करोड़ रुपये के रक्षा उपकरण और सर्विस बेचने को मंजूरी दी है. यह बिक्री सी-130 जे सुपर हरक्यूलिस मिलिट्री एयरक्राफ्ट के सैन्य हार्डवेयर और सेवाओं से जुड़ी है. अमेरिकी रक्षा विभाग की डिफेंस सिक्योरिटी कॉपरेशन एजेंसी (DSCA) ने गुरुवार को कहा, "यह प्रस्तावित बिक्री अमेरिका-भारतीय सामरिक संबंधों को मजबूत करने और एक प्रमुख रक्षा भागीदार की सुरक्षा में सुधार करने में मदद कर संयुक्त राज्य अमेरिका की विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा का समर्थन करेगी."

अमेरिकी संसद कांग्रेस को भेजे बिक्री अधिसूचना में, डीएससीए ने कहा कि भारत-प्रशांत और दक्षिण एशिया क्षेत्र में राजनीतिक स्थिरता, शांति और आर्थिक प्रगति की दिशा में भारत एक महत्वपूर्ण शक्ति है.

भारत द्वारा किए गए खरीद अनुरोधों में विमान के कल-पुर्जों समेत रिपेयर/रिटर्न्स पार्ट्स, कारतूस सक्रिय उपकरण /  बमवर्षक सक्रिय उपकरण (CAD / PAD) अग्निशामक कारतूस; एडवांस्ड रडार वार्निंग रिसीवर, 10 लाइटवेट नाइट विजन दूरबीन, 10 AN/AVS-9 नाइट विजन गूगल;  GPS; इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर; एन्य उपकरण और प्रयोगशाला उपकरण शामिल हैं. इनका कुल एस्टीमेट 90 मिलियन यूएस डॉलर है.

भारत ने अमेरिका से लीज पर लिया प्रीडेटर ड्रोन, लद्दाख में भी किया जा सकता है तैनात: रिपोर्ट

पेंटागन ने कहा कि प्रस्तावित बिक्री यह सुनिश्चित करेगी कि पहले से खरीदे गए विमान भारतीय वायु सेना (आईएएफ), थल सेना और नौसेना की परिवहन आवश्यकताओं, स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय मानवीय सहायता और क्षेत्रीय आपदा राहत की जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रभावी ढंग से संचालित हों.

साल 2016 में अमेरिका ने एक बड़ा कदम उठाते हुए भारत को एक "मेजर डिफेंस पार्टनर" नामित किया था, जो अपने निकटतम सहयोगियों और भागीदारों के साथ रक्षा व्यापार और प्रौद्योगिकी के बंटवारे को एक स्तर तक बढ़ाने का इरादा रखता है.

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

अमेरिका ने भारत को दी चेतावनी, अगर रूस से एस-400 मिसाइल खरीदी तो...



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)