नई दिल्ली:
भारत के अरुणाचल प्रदेश में अमेरिकी राजदूत के जाने पर चीन ने अमेरिका को चेताया है और कहा कि नई दिल्ली और बीजिंग के बीच में किसी तीसरे के दखल से यह मामला और उलझेगा ही.
पूर्वोत्तर में स्थित 90 हजार स्क्वायर किलोमीटर के इलाके (ज्यादातर अरुणाचल का भाग) पर चीन के दावे को भारत दृढ़ता से नकारता रहा है. जबकि चीन इसे दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा बताता रहा है.
भारत में अमेरिकी राजदूत रिचर्ड वर्मा ने 21 अक्टूबर को ही अपने अरुणाचल प्रदेश के दौरे की कुछ तस्वीरें ट्वीट की थीं. इसमें उन्होंने शानदार आतिथ्य सत्कार के लिए अधिकारियों को शुक्रिया कहते हुए इलाके को जादुई बताया था.
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लु कैंग ने कहा, अमेरिकी राजदूत के इस कदम का चीन मजबूती के साथ विरोध करता है. उन्होंने कहा, इससे भारत और चीन के बॉर्डर पर बड़ी मुश्किल से आई शांति और स्थिरता को नुकसान पहुंचेगा.
उन्होंने कहा, हम अमेरिका से गुहार लगाते हैं कि वह चीन और भारत के सीमा विवाद में न पड़े और इस क्षेत्र में शांति व स्थायित्व लाने के लिए काम करे. उन्होंने आगे कहा, भारत और चीन मिलकर इस विवाद को उचित बातचीत के जरिए हल निकाल रहे हैं.
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता से इस मामले पर बात नहीं हो पायी है. अभी अगस्त में ही जब भारत ने अरुणाचल प्रदेश में एडवांस क्रूज मिसाइल तैनात करने का फैसला लिया था, उस वक्त भी चीन ने आंखें तरेरी थीं. सेना ने इस तरह की शिकायतों को सिरे से खारिज किया था और कहा था कि भारत की सुरक्षा को ध्यान में रखकर सारे निर्णय लिए गए हैं.
इधर भारत दावा करता रहा है कि चीन ने पश्चिमी में अक्साई चीन में उसके 38,000 स्क्वायर किमी के क्षेत्रफल पर कब्जा किया हुआ है. यही नहीं पाकिस्तान के साथ खराब रिश्तों के बीच इस्लामाबाद को मिलने वाले चीनी सहयोग पर भी भारत को आपत्ति है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
पूर्वोत्तर में स्थित 90 हजार स्क्वायर किलोमीटर के इलाके (ज्यादातर अरुणाचल का भाग) पर चीन के दावे को भारत दृढ़ता से नकारता रहा है. जबकि चीन इसे दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा बताता रहा है.
भारत में अमेरिकी राजदूत रिचर्ड वर्मा ने 21 अक्टूबर को ही अपने अरुणाचल प्रदेश के दौरे की कुछ तस्वीरें ट्वीट की थीं. इसमें उन्होंने शानदार आतिथ्य सत्कार के लिए अधिकारियों को शुक्रिया कहते हुए इलाके को जादुई बताया था.
Thank you Chief Minister Khandu for your warm hospitality in #Tawang. What a magical place. @CMPemaKhandu pic.twitter.com/tYpVyaxCHL
— Rich Verma (@USAmbIndia) October 21, 2016
Stunning mountains & wonderful people. Terrific visit to #ArunachalPradesh for the #TawangFestival. Thank you Tawang for the hospitality. pic.twitter.com/WdpVZg0J3X
— Rich Verma (@USAmbIndia) October 21, 2016
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लु कैंग ने कहा, अमेरिकी राजदूत के इस कदम का चीन मजबूती के साथ विरोध करता है. उन्होंने कहा, इससे भारत और चीन के बॉर्डर पर बड़ी मुश्किल से आई शांति और स्थिरता को नुकसान पहुंचेगा.
उन्होंने कहा, हम अमेरिका से गुहार लगाते हैं कि वह चीन और भारत के सीमा विवाद में न पड़े और इस क्षेत्र में शांति व स्थायित्व लाने के लिए काम करे. उन्होंने आगे कहा, भारत और चीन मिलकर इस विवाद को उचित बातचीत के जरिए हल निकाल रहे हैं.
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता से इस मामले पर बात नहीं हो पायी है. अभी अगस्त में ही जब भारत ने अरुणाचल प्रदेश में एडवांस क्रूज मिसाइल तैनात करने का फैसला लिया था, उस वक्त भी चीन ने आंखें तरेरी थीं. सेना ने इस तरह की शिकायतों को सिरे से खारिज किया था और कहा था कि भारत की सुरक्षा को ध्यान में रखकर सारे निर्णय लिए गए हैं.
इधर भारत दावा करता रहा है कि चीन ने पश्चिमी में अक्साई चीन में उसके 38,000 स्क्वायर किमी के क्षेत्रफल पर कब्जा किया हुआ है. यही नहीं पाकिस्तान के साथ खराब रिश्तों के बीच इस्लामाबाद को मिलने वाले चीनी सहयोग पर भी भारत को आपत्ति है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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