उरी में हुए आतंकी हमले को लेकर पीएम मोदी के आवास पर उच्चस्तरीय बैठक हुई
श्रीनगर:
जम्मू कश्मीर के उरी में हुए घातक आतंकी को लेकर पाकिस्तान को दिए जाने वाले जवाब को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों के साथ विचार विमर्श हुआ. इस बीच इस आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों की संख्या बढ़कर 18 हो गई है.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस उच्चस्तरीय बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ अपनाए जाने वाले तमाम विकल्पों पर विचार किया गया. बैठक में तय हुआ कि पाकिस्तान को हर सूरत में इस हमले का जवाब दिया जाएगा. यह जवाब कई तरीक़ों से दिया जाएगा, जिसमें उसे अतंरराष्ट्रीय मंच पर कूटनीतिक तरीके से अलग-थलग करना भी शामिल है.
सूत्रों ने बताया कि सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह ने प्रधानमंत्री को हमले को लेकर पूरी जानकारी दी और ये भी बताया कि सेना जवाब मे क्या-क्या कर सकती है. ये भी जानकारी मिली है कि भारत उरी में हुए आतंकी हमले का जवाब जरूर देगा, लेकिन वह शायद तुरंत न होकर बाद में हो.
सूत्रों की मानें तो भारत अब पाकिस्तान को हर मोर्चे पर दुनिया भर मे अलग-थलग करने की रणनीति पर काम करेगा. उन्होंने बताया कि उरी हमले को लेकर ऐसे सुबूत मिले हैं, जिनसे हमले के पीछे पाकिस्तान के आतंकी संगठनों का हाथ होने की बात साफ़ तौर प्रमाणित होती है. ऐसे में भारत दुनिया भर में पाकिस्तान के खिलाफ जनमत तैयार कर पाकिस्तान को अलग-थलग करने की मुहिम में तेज़ी लाएगा. इन सुबूतों के आधार पर पाकिस्तान को आतंकवाद पर बेनकाब किया जाएगा, ताकि दुनिया में उसके खिलाफ अलग-अलग तरह के प्रतिबंधों की भूमिका तैयार हो सके.
उरी हमले की अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और संयुक्त राष्ट्र ने कड़ी निंदा की है और ऐसे में दुनिया में जनमत भारत के पक्ष में है. ऐसे में सूत्रों की मानें तो भारत बलोच लिबरेशन आंदोलन को अभूतपूर्व समर्थन भी दे सकता है. इसके अलावा सेना को भी यह आज़ादी होगी कि वह जवाब देने का अपना तरीक़ा और वक़्त ख़ुद चुने.
जम्मू-कश्मीर में बीते 26 सालों के दौरान सेना के बेस पर हुआ यह सबसे बड़ा आतंकी हमला था, जिसमें 17 जवान शहीद हो गए. इस हमले में 19 जवान घायल भी हुए थे, जिनमें से एक ने आज अस्पताल में दम तोड़ दिया, जिससे शहीद जवानों की संख्या अब बढ़कर अब 18 हो गई है.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस उच्चस्तरीय बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ अपनाए जाने वाले तमाम विकल्पों पर विचार किया गया. बैठक में तय हुआ कि पाकिस्तान को हर सूरत में इस हमले का जवाब दिया जाएगा. यह जवाब कई तरीक़ों से दिया जाएगा, जिसमें उसे अतंरराष्ट्रीय मंच पर कूटनीतिक तरीके से अलग-थलग करना भी शामिल है.
सूत्रों ने बताया कि सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह ने प्रधानमंत्री को हमले को लेकर पूरी जानकारी दी और ये भी बताया कि सेना जवाब मे क्या-क्या कर सकती है. ये भी जानकारी मिली है कि भारत उरी में हुए आतंकी हमले का जवाब जरूर देगा, लेकिन वह शायद तुरंत न होकर बाद में हो.
सूत्रों की मानें तो भारत अब पाकिस्तान को हर मोर्चे पर दुनिया भर मे अलग-थलग करने की रणनीति पर काम करेगा. उन्होंने बताया कि उरी हमले को लेकर ऐसे सुबूत मिले हैं, जिनसे हमले के पीछे पाकिस्तान के आतंकी संगठनों का हाथ होने की बात साफ़ तौर प्रमाणित होती है. ऐसे में भारत दुनिया भर में पाकिस्तान के खिलाफ जनमत तैयार कर पाकिस्तान को अलग-थलग करने की मुहिम में तेज़ी लाएगा. इन सुबूतों के आधार पर पाकिस्तान को आतंकवाद पर बेनकाब किया जाएगा, ताकि दुनिया में उसके खिलाफ अलग-अलग तरह के प्रतिबंधों की भूमिका तैयार हो सके.
उरी हमले की अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और संयुक्त राष्ट्र ने कड़ी निंदा की है और ऐसे में दुनिया में जनमत भारत के पक्ष में है. ऐसे में सूत्रों की मानें तो भारत बलोच लिबरेशन आंदोलन को अभूतपूर्व समर्थन भी दे सकता है. इसके अलावा सेना को भी यह आज़ादी होगी कि वह जवाब देने का अपना तरीक़ा और वक़्त ख़ुद चुने.
जम्मू-कश्मीर में बीते 26 सालों के दौरान सेना के बेस पर हुआ यह सबसे बड़ा आतंकी हमला था, जिसमें 17 जवान शहीद हो गए. इस हमले में 19 जवान घायल भी हुए थे, जिनमें से एक ने आज अस्पताल में दम तोड़ दिया, जिससे शहीद जवानों की संख्या अब बढ़कर अब 18 हो गई है.
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