अखिलेश यादव का फाइल फोटो
लखनऊ:
उत्तर प्रदेश विधानसभा का मॉनसून सत्र आज शुरू होते ही आज विधानसभा में विपक्षी दलों ने हंगामा शुरू कर दिया। बीजेपी, बीएसपी और आरएलडी के विधायकों ने मुजफ्फरनगर हिंसा के मुद्दे पर जमकर हंगामा किया।
दूसरी ओर, मुज़फ़्फ़रनगर दंगे के आरोपी जिन बीजेपी विधायकों को पुलिस ढूंढ नहीं पा रही है वे सोमवार को विधानसभा के मॉनसून सत्र में शामिल हुए। सरकार ने सोमवार को यह भी कहा कि वे फरार हैं और मिल नहीं रहे हैं।
उधर, इन विधायकों ने बीएसपी और आरएलडी के साथ मिलकर सदन नहीं चलने दिया। हंगामे के दौरान इन तीनों पार्टियों के विधायक एसेंबली के वेल में पहुंच गए और विधानसभा की कार्यवाही को पूरी तरह बाधित कर दिया। 15 मिनट बाद फिर से विधानसभा शुरू हुई तो फिर हंगामा हुआ। बार−बार हंगामे को देखते हुए विधानसभा को 18 तारीख तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
इससे पूर्व रविवार को सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मुजफ्फरनगर का दौरा किया था, जहां उन्होंने कहा था कि हिंसा के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
दूसरी ओर, मुज़फ़्फ़रनगर दंगे के आरोपी जिन बीजेपी विधायकों को पुलिस ढूंढ नहीं पा रही है वे सोमवार को विधानसभा के मॉनसून सत्र में शामिल हुए। सरकार ने सोमवार को यह भी कहा कि वे फरार हैं और मिल नहीं रहे हैं।
उधर, इन विधायकों ने बीएसपी और आरएलडी के साथ मिलकर सदन नहीं चलने दिया। हंगामे के दौरान इन तीनों पार्टियों के विधायक एसेंबली के वेल में पहुंच गए और विधानसभा की कार्यवाही को पूरी तरह बाधित कर दिया। 15 मिनट बाद फिर से विधानसभा शुरू हुई तो फिर हंगामा हुआ। बार−बार हंगामे को देखते हुए विधानसभा को 18 तारीख तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
इससे पूर्व रविवार को सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मुजफ्फरनगर का दौरा किया था, जहां उन्होंने कहा था कि हिंसा के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
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