"यह उनका बड़प्‍पन है..." : मायावती ने चुनाव के दौरान अमित शाह की प्रशंसा कर अटकलों को किया तेज़

मंगलवार को अमित शाह ने News18 को दिए एक इंटरव्‍यू में कहा था कि मायावती की प्रासंगिकता खत्‍म नहीं हुई है.

लखनऊ :

UP Polls 2022: उत्‍तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजों के पहले बसपा प्रमुख मायावती (Mayawati) और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ( Amit Shah) की एक-दूसरे की की गई प्रशंसा ने अटकलों को जन्‍म दिया है. राज्‍य में सत्‍ता में फिर वापसी के लिए बीजेपी को इस बार कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. शाह की ओर से एक इंटरव्‍यू में उनके (मायावती के) चुनाव अभियान के सकारात्‍मक मूल्‍यांकन के बारे में पूछे जाने पर पूर्व सीएम मायावती ने आज कहा, 'यह उनका बड़प्‍पन है कि उन्‍होंने सच्‍चाई को स्‍वीकार किया.'हालांकि बसपा प्रमुख ने यह भी कहा, 'मैं उनसे कहना चाहती हूं-राज्‍य के अब तक हुए तीन चरण के मतदान में बहुजन समाज पार्टी  (BSP) को न केवल दलित और मुस्लिमों का समर्थन मिला है बल्कि हमें उच्‍च और पिछड़े वर्ग के वोट भी मिल रहे हैं. '

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यूपी की 403 सदस्‍यीय विधानसभा में 300 से अधिक सीटें हासिल करने के बीजेपी के दावे पर मायावती ने संयत प्रतिक्रिया दी. उन्‍होंने कहा, 'केवल समय यह बताएगा. कौन जानता है कि बीजेपी और समाजवादी पार्टी की जगह बीएसपी भी विजेता बन सकती है.' समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव, जिनकी पार्टी के साथ बसपा ने 2019 के आमचुनाव में गठबंधन किया था, को लेकर मायावती के शब्‍द ज्‍यादा तीखे थे. बसपा सुप्रीमो ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, 'यूपी के वोटर पहले ही सपा को खारिज कर चुके हैं क्‍योंकि वे जानते हैं कि यह पार्टी सत्‍ता में आती है तो गुंडा राज आता है. '

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गौरतलब है कि मंगलवार को अमित शाह ने News18 को दिए एक इंटरव्‍यू में कहा था कि मायावती की प्रासंगिकता खत्‍म नहीं हुई है. वरिष्‍ठ बीजेपी नेता शाह से पूछा गया था कि बसपा के कुछ दलित और मुस्लिम वोटों के 'छीनने' से क्‍या उनकी पार्टी को कुछ मदद मिलेगी. इस सवाल पर शाह ने कहा था, 'मैं नहीं जानता कि इससे बीजेपी को फायदा होगा या नुकसान. यह सीट पर निर्भर करता है. यह सीट आधारित है लेकिन ऐसा नहीं कहा जा सकता कि मायावती की प्रासंगिकता खत्‍म हो गई है. ' शाह ने कहा कि मायावती के लो प्रोफाइल प्रचार के यह मायने नहीं है कि उनका जनाधार खत्‍म हो  गया है. यूपी चुनाव में बीजेपी के लिए कठिन चुनौती पेश कर रही समाजवादी पार्टी भी अच्‍छे प्रदर्शन के लिए दलित-मुस्लिम वोट की उम्‍मीद लगाए है.

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