उत्तर प्रदेश में छह नई-नवेली दुल्हनें, ससुराल में शौचालय की सुविधा न होने पर मायके लौट गईं। उन्हें खुले में शौच के लिए जाने से गुरेज था।
उल्लेखनीय है कि 68वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में प्रत्येक घर, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालय होने की बात कही थी। इन नवविवाहिताओं ने मोदी की बात की ओर संकेत करते हुए इस सुविधा की कमी को लेकर अपने पतियों और ससुरालियों का विरोध किया।
एक गैर सरकारी संस्था ने कहा कि कुशीनगर जिले की ये नवविवाहिताएं शादी के कुछ सप्ताह बाद मायके लौट आईं। खेसिया गांव की नीलम, कलावती, निरंजन, गुड़िया और सीता को जब पता चला कि ससुराल में शौचालय नहीं है, तो उन्होंने विरोध किया। कुछ दिनों बाद वे अपने-अपने मायके लौट आईं।
सस्ती शौचालय सुविधा मुहैया कराने वाली गैर सरकारी संस्था सुलभ इंटरनेशलन ने घोषणा की है कि वह इन महिलाओं के लिए मुफ्त शौचालय बनवाएगी।
सुलभ के संस्थापक बिदेश्वर पाठक ने महिलाओं के इस कदम को 'दमदार और असाधारण' करार देते हुए बताया कि ऐसी घटनाएं लड़कियों की बदलती मानसिकता को दर्शाती हैं।
सुलभ के प्रवक्ता मदन झा ने कहा कि संस्था अविलंब मुफ्त में शौचालय बनवाएगी, जिससे नवविवाहिताएं जल्द अपने ससुराल लौट सकें। उन्होंने यह भी कहा कि इन छह महिलाओं को उनके दमदार कदम के लिए सम्मानित भी किया जाएगा।
गौरतलब है कि दो साल पहले महाराजगंज की दुल्हन प्रियंका भारती को ऐसा ही कदम उठाने पर सम्मानित किया गया था।
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