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This Article is From Oct 31, 2015

मंत्रियों के शपथ समारोह में राष्ट्रगान बीच में रोककर विवाद में फंसे यूपी के राज्यपाल

मंत्रियों के शपथ समारोह में राष्ट्रगान बीच में रोककर विवाद में फंसे यूपी के राज्यपाल
यूपी के राज्यपाल राम नाईक (फाइल फोटो)
लखनऊ: यूपी के राज्यपाल राम नाईक एक कार्यक्रम में चल रहे राष्ट्रगान को बीच में रोककर विवाद में पड़ गए हैं। मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह में यह वाकया हुआ। उनके इस कदम की आलोचना शुरू हो गई है।

अचानक याद आया एकता की शपथ नहीं हुई...
राजभवन में शनिवार को उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्रियों  का शपथ ग्रहण समारोह था। शपथ ग्रहण के बाद मुख्य सचिव अलोक रंजन ने कहा कि, "यदि माननीय राज्यपाल जी की आज्ञा  हो तो इस कार्यक्रम के समाप्त होने की घोषणा की जाए ?" राज्यपाल ने उन्हें कार्यक्रम खत्म करने की इजाजत दे दी। इसके बाद जैसे ही राष्ट्रगान बजाना शुरू किया गया, राज्यपाल को अचानक याद आया कि वह लोगों को  सरदार पटेल की जयंती के मौके पर राष्ट्रीय एकता की शपथ दिलवाना चाहते थे और उन्होंने, "राष्ट्रगान रोको  राष्ट्रगान रोको "  कहकर राष्ट्रगान बीच में ही रुकवा दिया।  इसके बाद उन्होंने सरदार पटेल की जयंती पर खास तौर पर बनाई गई राष्ट्रीय एकता की शपथ पढ़ी और वहां मौजूद लोगों से भी पढ़वाई।

चलता हुआ राष्ट्रगान बीच में रुकवाकर शपथ पढ़ने पर विवाद हो गया है। तमाम लोगों का कहना है कि चूंकि सरदार पटेल की जयंती पर दिलाई जाने वाली इस शपथ का मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह से कोई वास्ता नहीं है, इसलिए बेहतर यह होता कि राज्यपाल राष्ट्रगान के साथ शपथ ग्रहण समारोह खत्म हो जाने के बाद राष्ट्रीय एकता की शपथ दिला देते।  

मायावती ने कहा, राज्यपाल मोदी को खुश करने के चक्कर में पड़े
राष्ट्रगान बीच में रुकवा देने पर बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि, "राज्यपाल मोदी को खुश करने के चक्कर में सपा सरकार के शपथ ग्रहण समारोह के खत्म होने के बाद राष्ट्रगान तक रुकवा दिया जिसकी काफी कड़ी आलोचना हो रही है।"

देश के इतिहास में पहला वाकया
अखिलेश यादव सरकार में संसदीय कार्यमंत्री आजम खान ने रामपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि "शपथ ग्रहण समारोह के बीच कोई दूसरा कार्यक्रम नहीं किया जा सकता।  शपथ ग्रहण समारोह राष्ट्रगान से शुरू होता है और राष्ट्रगान पर ही खत्म होता है। इसके बीच में किसी की जयंती पर  बनाई गई शपथ पढ़ने का कार्यक्रम शामिल नहीं किया जा सकता। यह देश के इतिहास में पहली बार हुआ है कि राज्यपाल, जो एक संवैधानिक पद पर हैं, राष्ट्रगान बीच में रुकवाकर उसमें कोई दूसरा कार्यक्रम करने लगें।"

नाईक की सफाई - नहीं हुआ राष्ट्रगान का अपमान
उधर विवाद बढ़ने पर राजभवन में प्रेस प्रभारी अंजुम नकवी ने सफाई दी है कि "राज्यपाल का कहना है कि यह कार्यक्रम राष्ट्रीय एकता की शपथ के बाद ही खत्म होना था। चूंकि राष्ट्रीय एकता की शपथ नहीं हो सकी थी इसलिए राष्ट्रगान बीच में रुकवाना पड़ा। इसका मतलब किसी तरह भी राष्ट्रगान का अपमान नहीं है।"

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