अखिलेश यादव (फाइल फोटो)
लखनऊ:
साहित्यकारों द्वारा सम्मान लौटाये जाने के सिलसिले के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के सर्वोच्च पुरस्कार 'यश भारती' तथा केन्द्र के 'पद्म पुरस्कार' पाने वालों के हाथ 'जैकपॉट' लगा है। सरकार ने उन्हें 50 हजार रुपये मासिक पेंशन देने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में हुई प्रदेश मंत्रिपरिषद की बैठक में यह महत्वपूर्ण फैसला लिया गया।
बैठक के बाद अखिलेश ने कहा, 'हमारे यहां यश भारती से सम्मानितों को अब महीने का 50 हजार रूपये पेंशन देने का फैसला कैबिनेट ने किया है। अगर यश भारती मिल गया है तो पेंशन मिलेगी।' यह पूछने पर कि अगर कोई यश भारती वापस कर दे तो भी क्या पेंशन मिलेगी, मुख्यमंत्री ने कहा, 'ऐसी स्थिति समाजवादियों और सपा सरकार में कभी नहीं आएगी।' मंत्रिपरिषद में इस सिलसिले में पारित की गई नियमावली के तहत ऐसे लोग जिनकी जन्मभूमि अथवा कर्मभूमि उत्तर प्रदेश रही है और जिन्हें 'यश भारती' और 'पद्म पुरस्कार' से सम्मानित किया गया है, उन्हें पेंशन मिलेगी। इस नियमावली में संशोधन के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है।
मंत्रिपरिषद में लिए गए एक अन्य फैसले में निर्यात को बढ़ावा देने के लिए राज्यस्तरीय निर्यात सम्वर्धन परिषद का गठन करने का निर्णय लिया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य प्रदेश से वस्तु एवं सेवाओं के निर्यात के वर्तमान स्तर को बनाए रखते हुए सहयोग एवं संरक्षण द्वारा संवृद्धि दर के उच्च स्तर को प्राप्त करना है। परिषद की प्रबन्ध समिति में कुल 28 सदस्य होंगे, जिनमें एक अध्यक्ष, एक उपाध्यक्ष तथा एक सदस्य सचिव होंगे।
बैठक के बाद अखिलेश ने कहा, 'हमारे यहां यश भारती से सम्मानितों को अब महीने का 50 हजार रूपये पेंशन देने का फैसला कैबिनेट ने किया है। अगर यश भारती मिल गया है तो पेंशन मिलेगी।' यह पूछने पर कि अगर कोई यश भारती वापस कर दे तो भी क्या पेंशन मिलेगी, मुख्यमंत्री ने कहा, 'ऐसी स्थिति समाजवादियों और सपा सरकार में कभी नहीं आएगी।' मंत्रिपरिषद में इस सिलसिले में पारित की गई नियमावली के तहत ऐसे लोग जिनकी जन्मभूमि अथवा कर्मभूमि उत्तर प्रदेश रही है और जिन्हें 'यश भारती' और 'पद्म पुरस्कार' से सम्मानित किया गया है, उन्हें पेंशन मिलेगी। इस नियमावली में संशोधन के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है।
मंत्रिपरिषद में लिए गए एक अन्य फैसले में निर्यात को बढ़ावा देने के लिए राज्यस्तरीय निर्यात सम्वर्धन परिषद का गठन करने का निर्णय लिया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य प्रदेश से वस्तु एवं सेवाओं के निर्यात के वर्तमान स्तर को बनाए रखते हुए सहयोग एवं संरक्षण द्वारा संवृद्धि दर के उच्च स्तर को प्राप्त करना है। परिषद की प्रबन्ध समिति में कुल 28 सदस्य होंगे, जिनमें एक अध्यक्ष, एक उपाध्यक्ष तथा एक सदस्य सचिव होंगे।
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