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This Article is From Mar 08, 2013

डीएसपी हत्याकांड : सीबीआई पूछताछ से बचने के लिए घर छोड़ गए कई गांव वाले

लखनऊ: कुंडा के डीएसपी जिया उल हक की हत्या की जांच कर रही सीबीआई की टीम कुंडा पहुंच गई है। वह मौका-ए-वारदात पर जाकर अपनी जांच को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रही है। लेकिन, सीबीआई की टीम के सामने सबसे बड़ा संकट गवाह ढूंढ़ने का है। इसके पीछे कारण यह बताया जा रहा है कि गांव के तमाम लोग घर छोड़कर चले गए हैं। कहा जा रहा है कि इसकी वजह यह है कि लोग सीबीआई की पूछताछ से बचना चाहते हैं।

बता दें कि गांव में जब प्रधान नन्हें यादव, उनके भाई और डीएसपी जिया उल हक की हत्या की गई तब करीब 300 की भीड़ वहां मौजूद थी।

उधर, गृहराज्यमंत्री आरपीएन सिंह भी आज कुंडा पहुंचे और उन्होंने डीएसपी जिया उल हक की पत्नी को दिलासा दिया।

12 सदस्यों की सीबीआई टीम प्रतापगढ़ के चीफ मेडिकल ऑफिसर से डीएसपी के पोस्टमॉर्टम से जुड़ी जानकारियां हासिल किया। कहा जा रहा है कि अगर वह सीएमओ से मिली जानकारियों से संतुष्ट नहीं हुई तो जिया-उल-हक के दूसरे पोस्टमॉर्टम के लिए कह सकती है। इसके अलावा सीबीआई की टीम तीन निलंबित पुलिस अधिकारियों और पांच अन्य लोगों से भी पूछताछ करेगी।

वहीं, यूपी सरकार ने नकद मुआवजे के बाद आज डीएसपी जिया उल हक की पत्नी परवीन आजाद को जनकल्याण विभाग में ओएसडी बना दिया है और हक के भाई को इसी विभाग में कांस्टेबल बना दिया है। दोनों ही पद खासतौर पर बनाए गए हैं।

इस बीच डीएसपी की हत्या के मामले में अखिलेश सरकार में मंत्री रहे रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया पर गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगी है। राजा भैया के खिलाफ सीबीआई ने केस दर्ज कर लिया है। सीबीआई कभी भी उनसे पूछताछ कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक, अब उनकी गिरफ्तारी के आसार काफी बढ़ गए हैं।

उधर, डीएसपी जिया-उल हक की मौत के मामले में अब राजा भैया और आजम खां आमने−सामने आ गए हैं। राजा के समर्थकों ने कुंडा में अखिलेश यादव की मौजूदगी में आजम खां के खिलाफ नारे लगाए तो आजम खां के समर्थकों ने अलीगढ़ में राजा भैया का पुतला जलाया। इस तरह एक दर्दनाक मौत पर घटिया सियासत शुरू हो गई है।

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