उन्नाव रेप केस: पीड़िता के पिता की मौत के मामले में कुलदीप सिंह सेंगर समेत 7 दोषी करार, 4 बरी

सात लोगों को गैर इरादतन हत्या के मामले के तहत दोषी करार दिया गया है. दोषियों की सजा पर 12 मार्च को बहस होगी.

उन्नाव रेप केस: पीड़िता के पिता की मौत के मामले में कुलदीप सिंह सेंगर समेत 7 दोषी करार, 4 बरी

दोषी कुलदीप सिंह सेंगर.

नई दिल्ली:

उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के पिता की कस्टडी डेथ के मामले में तीस हजारी कोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी करार दिया. 11 में से 4 आरोपी बरी किये गए, वहीं, कुलदीप सेंगर समेत 7 लोगों को दोषी करार दिया गया है. इन्हें गैर इरादतन हत्या के मामले के तहत दोषी करार दिया गया. दोषियों की सजा पर 12 मार्च को बहस होगी. कोर्ट ने कहा कि हत्या का इरादा नहीं था, लेकिन पीड़िता के पिता को बर्बरता पूर्वक मारा गया. ये ट्रायल चुनौतीपूर्ण था. कुलदीप सिंह सेंगर ने खुद को बचाने के लिए तकनीक का पूरा इस्तेमाल किया, लेकिन सीबीआई ने चुनौतीपूर्ण माहौल में अच्छा काम किया. जिन सात लोगों को इस मामले में दोषी ठहराया है, उनमें सेंगर के अलावा दो यूपी पुलिस के अधिकारी भी शामिल हैं, इनमें एक एसएचओ और एक सब इंस्पेक्टर है.

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इन्हें ठहराया दोषी:-

- कुलदीप सिंह सेंगर

- कामता प्रसाद, सब इंस्पेक्टर

- अशोक सिंह भदौरिया, SHO

- विनीत मिश्रा उर्फ विनय मिश्रा

- बीरेंद्र सिंह उर्फ बउवा सिंह

- शशि प्रताप सिंह उर्फ सुमन सिंह

- जयदीप सिंह उर्फ अतुल सिंह

इन्हें किया गया बरी:-

- शरदवीर सिंह

- शैलेंद्र सिंह उर्फ टिंकू सिंह

- राम शरण सिंह उर्फ सोनू सिंह

- अमीर खान, कॉन्स्टेबल

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इस मामले में कोर्ट ने कुलदीप सेंगर, उसके भाई अतुल, अशोक सिंह भदौरिया, उप निरीक्षक कामता प्रसाद, सिपाही आमिर खान व छह अन्य के खिलाफ आरोप तय कर रखे थे. बता दें, नाबालिग से दुष्कर्म मामले में अदालत ने भाजपा से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को 20 दिसंबर 2019 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. पीड़िता के पिता की न्यायिक हिरासत में नौ अप्रैल 2018 को मौत हो गई थी. सीबीआई ने इस मामले में कुलदीप सिंह सेंगर समेत अन्य कई लोगों पर पीड़िता के पिता की हत्या के आरोप का जांच कर रही थी. इस मामले की सुनवाई को अन्य मामलों के साथ सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली ट्रांसफर किया गया था. इस मामले में सीबीआई ने आरोपों को साबित करने के लिए पीड़िता के चाचा, मां, बहन व पिता के सहकर्मी समेत 55 गवाहों के बयान दर्ज करवाए तो वहीं बचाव पक्ष ने नौ गवाहों को पेश किया. सीबीआई के मुताबिक तीन अप्रैल 2018 को पीड़िता के पिता व आरोपी शशि प्रताप सिंह के बीच झगड़ा हुआ था. सीबीआई ने अपने आरोप पत्र में कहा कि मृतक व उसका सहकर्मी उस दिन अपने गांव माखी लौट रहे थे.

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