उन्नाव गैंगरेप मामले की सुनवाई के दौरान सीजेआई रंजन गोगोई ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा कि, 'आपको कितना समय चाहिए (रेप पीड़िता और अन्य के सड़क हादसे की जांच के लिए)' इस पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा, 'एक महीना'. सीजेआई ने जवाब दिया, 'एक महीना? नहीं, सात दिन में जांच कीजिए.' इससे पहले सीजेआई ने पूछा कि 'पीड़िता की कैसी स्थिति है?' इसके जवाब में सॉलिसिटर जनरल ने कहा, 'वह वेंटिलेटर पर हैं.' CJI ने पूछा, "क्या वह हिलाए जाने की हालत में है...? हम पीड़िता को हिलाना नहीं चाहते, उसे एयरलिफ्ट किया जा सकता है... हम AIIMS से कह सकते हैं..."
सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा, 'हम लोग दो बजे वापस आएंगे और सभी पांच केसों को ट्रांसफर करने, पीड़िता और उसके वकील के इलाज के लिए आदेश पारित करेंगे. डॉक्टर तय कर सकते हैं कि क्या उसे और उसके वकील को दिल्ली लाया जा सकता है?' वहीं, कोर्ट में सीबीआई की ओर से ज्वाइंट डायरेक्टर संपत मीणा मौजूद हैं. उन्होंने केस के बारे में कोर्ट को जानकारी दी. कोर्ट को उन्होंने बताया कि सभी मामलों में चार्जशीट दाखिल कर दी गई है.
Chief Justice asks, 'What is the condition of the victim? Solicitor General says, 'She is on ventilator' CJI asks 'Is she in the condition to move? We don't want to move the victim, she can be airlifted. We can ask AIIMS.' https://t.co/P0J17tF0bc
— ANI (@ANI) August 1, 2019
उन्नाव गैंगरेप के आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को BJP ने पार्टी से निकाला
बता दें, इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सीबीआई का एक जिम्मेदार अधिकारी कोर्ट में चाहते हैं. जो अफसर हमें बता सके कि जांच में क्या हुआ है. पीड़िता की मां ने केस ट्रांसफर करने की मांग की थी. प्रधान न्यायाधीश (CJI) रंजन गोगोई ने सॉलिसिटर जनरल से भी कहा है कि वह रेप तथा सड़क हादसे से जुड़े केस के बारे में CBI निदेशक से बात करें. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर ज़रूरत पड़ी, तो चैम्बर में सुनवाई की जा सकती है. इस पर सॉलिसिटर जनरल टी मेहता ने सीजेआई को जानकारी दी कि उन्होंने सीबीआई डायरेक्टर से बात की थी. मामले की जांच कर रहे अधिकारी लखनऊ में हैं और दिल्ली 12 बजे तक उनका पहुंचना संभव नहीं है. उन्होंने इस मामले पर शुक्रवार को सुनवाई करने की भी मांग की थी, लेकिन सीजेआई ने सुनवाई को स्थगित करने से मना कर दिया.
#Unnao rape case: CJI Ranjan Gogoi says, "We will come back at 2 PM and pass an order on transfer of cases on all the five cases and medical attention to the victim & her lawyer. Doctors are the best judges, they can decide whether she and her lawyer can be airlifted to Delhi." pic.twitter.com/4D04BayOCG
— ANI (@ANI) August 1, 2019
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पीठ ने मेहता की दलील खारिज करते हुए कहा कि सीबीआई निदेशक टेलीफोन पर मामलों की जानकारी ले सकते हैं और पीठ को गुरुवार को इससे अवगत करा सकते हैं. पीठ ने मेहता को निर्देश दिया कि वह उसके समक्ष दोहपर 12 बजे तक एक ऐसे जिम्मेदार अधिकारी की मौजूदगी सुनिश्चित करे जो बलात्कार मामले और इसके बाद हुई दुर्घटना के मामले में अब तक हुई जांच की जानकारी मुहैया कराए.
न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस भी इस पीठ के सदस्य हैं. पीठ ने कहा, ‘हम सभी मामलों को स्थानांतरित करने जा रहे हैं। हम इस संबंध में आदेश पारित करेंगे.' शीर्ष अदालत ने कहा कि दोनों मामले सीबीआई को हस्तांतरित कर दिए गए हैं, इसलिए वह किसी जिम्मेदार सीबीआई अधिकारी से जानकारी हासिल करने के पश्चात दिन में बाद में आदेश पारित करेगा.
VIDEO: जानिए उन्नाव मामले में कब क्या हुआ?
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं