“पारंपरिक इलाज को बढ़ावा देना मुख्य मकसद”: ग्लोबल आयुष सम्मेलन के आयोजन पर बोले केंद्रीय मंत्री

केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि आयुष शिखर सम्मेलन का उद्देश्य निवेशकों, नीति निर्माताओं और अंतरराष्ट्रीय और साथ ही राष्ट्रीय हितधारकों को एक साथ लाना है. उनका कहना है कि आयुष क्षेत्र को दुनिया भर में स्वीकार किया गया है.

नई दिल्ली:

आयुष मंत्रालय, गुजरात सरकार के साथ मिलकर 20-22 अप्रैल तक ग्लोबल आयुष इन्वेस्टमेंट एंड इनोवेशन समिट (GAIIS) का आयोजन कर रहा है. इस कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी, मॉरीशस के पीएम प्रविंद जगन्नाथ और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक, डॉ टेड्रोस घेब्रेयसस भी शिरकत करेंगे. शिखर सम्मेलन से पहले, केंद्रीय मंत्री (आयुष), सर्बानंद सोनोवाल ने NDTV.com से बात की, जहां उन्होंने एक वैश्विक शिखर सम्मेलन आयोजित कराने का मकसद के बारे में बात की.

सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि आयुष शिखर सम्मेलन का उद्देश्य निवेशकों, नीति निर्माताओं और अंतरराष्ट्रीय और साथ ही राष्ट्रीय हितधारकों को एक साथ लाना है. उनका कहना है कि आयुष क्षेत्र को दुनिया भर में स्वीकार किया गया है, और हम मानते हैं कि यह हमारे मंत्रालय की जिम्मेदारी है कि हम अपने आयुष ज्ञान के लाभों को सुनिश्चित करें. वहीं जब पारंपरिक चिकित्सा की बात आती है, तो हम पारंपरिक चिकित्सा तंत्र को दुनिया में ले जाने के लिए युवा पारंपरिक चिकित्सा चिकित्सकों, स्वास्थ्य कर्मचारियों और स्टार्ट-अप के बीच शिखर सम्मेलन से रुचि पैदा करना चाहते हैं.

इस ग्लोबल आयुष इन्वेस्टमेंट एंड इनोवेशन समिट में निवेशकों की बैठक और उद्योग संवाद होंगे. जिसमें उम्मीद की जा रही है कि आयुष क्षेत्र में और अधिक निवेशक निवेश करने के इच्छुक हो सकते हैं. सर्बानंद सोनोवल ने कहा कि  भारत हजारों वर्षों से पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों का केंद्र रहा है. ऐसे मे डब्ल्यूएचओ के मजबूत समर्थन के साथ, भारत दुनिया भर में आयुष के लिए अधिक समर्थन की उम्मीद करते हैं. आज भी, दुनिया का लगभग 80 प्रतिशत प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल के लिए पारंपरिक चिकित्सा पर निर्भर है.

केंद्रीय मंत्री के ने इस बात पर जोर दिया कि भारत इस क्षेत्र की सफलता और दुनिया में अपनी पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों को बढ़ावा देने के लिए बहुत प्रतिबद्ध हैं. स्वास्थ्य सेवाओं के एक कदम के रूप में 19 एम्स संस्थानों में आयुर्वेद विभाग खोले जाने हैं. उन्होंने बताया कि आयुष मंत्रालय पारंपरिक दवाओं के उपयोग को मुख्यधारा में लाने के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के साथ मिलकर काम कर रहा है. आयुष क्षेत्र के भीतर मानकों को मजबूत, विकसित और बढ़ावा दिया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक लोग आयुर्वेद और अन्य पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों के लाभों का अनुभव कर सकें और उन पर विश्वास कर सकें.

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कोरोना महामारी से निपटने के लिए, आयुष मंत्रालय ने भारत में कई पहल की हैं. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि मंत्रालय ने COVID-19 के दौरान टोल-फ्री नंबर 14443 हेल्पलाइन भी शुरू की है. आयुष मंत्रालय ने देश भर में अनुसंधान परिषदों और राष्ट्रीय संस्थानों की 86 नैदानिक इकाइयों के माध्यम से आयुष 64 का राष्ट्रव्यापी वितरण अभियान शुरू किया. COVID-19 से संबंधित आयुष अनुसंधान एवं विकास पहल, और वैज्ञानिक प्रकाशनों के बारे में जानकारी का प्रसार करने के लिए, एक राष्ट्रीय भंडार विकसित किया गया है, जो कि आयुष मंत्रालय के आयुष अनुसंधान पोर्टल पर उपलब्ध है. (यहां पढ़ें पूरा इंटरव्यू)

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