भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सहयोगी रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) के प्रमुख तथा केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख, यानी सरसंघचालक मोहन भागवत के उस बयान से असहमति जताई है, जिसमें कहा गया था कि संघ भारत की 130 करोड़ की आबादी को धर्म और संस्कृति से इतर हिन्दू समाज मानता है.
बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर द्वारा स्थापित रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (RPI) के एक धड़े के प्रमुख एवं सामाजिक न्याय राज्यमंत्री रामदास अठावले ने समाचार एजेंसी ANI से कहा, "यह कहना सही नहीं है कि सभी भारतीय हिन्दू हैं... एक समय था, जब हमारे देश में सभी बौद्ध हुआ करते थे... यदि मोहन भागवत का अर्थ है कि सभी भारतीय हैं, तो अच्छा है... हमारे देश में बौद्ध, सिख, हिन्दू, ईसाई, पारसी, जैन और लिंगायत पंथों तथा अन्य समुदायों के लोग रहते हैं..."
RSS प्रमुख बोले- भारत की 130 करोड़ आबादी को हिंदू मानता है संघ तो रामदास अठावले का आया बयान, बोले...
RSS प्रमुख मोहन भागवत ने हैदराबाद में एक बैठक के दौरान कहा था, "भारत माता का पुत्र, चाहे वह कोई भी भाषा बोलता हो, किसी भी क्षेत्र में रहता हो, किसी भी प्रकार की पूजा पद्धति अपनाता हो या किसी की पूजा नहीं करता हो, हिन्दू है... इस संदर्भ में संघ (RSS) के लिए भारत की समूची 130 करोड़ की आबादी हिन्दू समाज है..."
BJP के वैचारिक संरक्षक कहे जाने वाले RSS के प्रमुख की टिप्पणी की कई विपक्षी दलों ने भी आलोचना की, जिनमें उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री तथा बहुजन समाज पार्टी (BSP) की मुखिया मायावती तथा ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख व सांसद असदुद्दीन ओवैसी भी शामिल हैं. असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था, "RSS चाहती है कि भारत में सिर्फ एक ही धर्म रहे... ऐसा तब तक नहीं होगा, जब तक (बाबासाहेब भीमराव) अम्बेडकर द्वारा बनाए गए संविधान का अस्तित्व बरकरार रहे... यह धरती सभी धर्मों में आस्था रखती है..."
RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा- संघ भारत की 130 करोड़ आबादी को हिंदू समाज मानता है
मोहन भागवत ने कहा था, "सारा समाज हमारा है, और संघ का लक्ष्य ऐसा ही एकजुट समाज बनाना है..." उन्होंने यह भी कहा था कि हमारा देश परम्परा के अनुसार हिन्दुत्ववादी है.
रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) के प्रमुख तथा केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने हालांकि भारतीय थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत के उस बयान से सहमति जताई, जिसमें सेनाप्रमुख ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा की आलोचना की थी. जनरल बिपिन रावत ने कहा था, "नेता वे नहीं होते, जो जनता का आगज़नी और हिंसा की दिशा में नेतृत्व करते हैं..."
रामदास अठावले ने कहा, "सेनाप्रमुख (जनरल) बिपिन रावत का बयान सही है, और हमारे नेताओं को जनता को हिंसा के मार्ग पर नहीं ले जाना चाहिए... मैं सभी प्रदर्शनकारियों से आग्रह करता हूं कि अपनी मांगें सरकार के समक्ष शांतिपूर्ण ढंग से रखें... नागरिकता संशोधन कानून मुस्लिम-विरोधी नहीं है..."
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