विज्ञापन
This Article is From Oct 10, 2021

क्या PM मोदी निरंकुश हैं? आलोचकों को अमित शाह ने दिया जवाब

सरकारी 'संसद टीवी' चैनल को दिए एक साक्षात्कार के दौरान एक सवाल के जवाब में अमित शाह ने कहा, "ये सभी लोग जो हम पर आरोप लगा रहे हैं, ये सभी आरोप निराधार हैं. मैंने मोदी जी जैसा श्रोता नहीं देखा है."

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पीएम मोदी पर निरंकुश होने के आरोपों को खारिज कर दिया.

नई दिल्ली:

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) पर निरंकुश या तानाशाह होने के आरोपों को बेबुनियाद करार दिया है और कहा है कि उन्होंने दशकों तक के लंबे जुड़ाव के दौरान नरेंद्र मोदी जैसा कोई श्रोता नहीं देखा. शाह ने कहा कि मोदी एक छोटे से कार्यकर्ता की भी बात धैर्य से सुनते हैं.

उन्होंने सरकारी 'संसद टीवी' चैनल को दिए एक साक्षात्कार के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा, "ये सभी लोग जो हम पर आरोप लगा रहे हैं, ये सभी आरोप निराधार हैं. मैंने मोदी जी जैसा कोई श्रोता नहीं देखा है. अगर किसी समस्या के लिए बैठक होती है, तो मोदी जी कम बात करते हैं और धैर्यपूर्वक सबकी सुनते हैं और फिर निर्णय लेते हैं. हम अक्सर सोचते हैं कि आखिर वो इतना क्या सोचते हैं?' वह 2-3 बैठकों के बाद धैर्यपूर्वक निर्णय लेते है." 

शाह ने कहा, "हर व्यक्ति के सुझाव को उसकी गुणवत्ता के आधार पर पीएम मोदी द्वारा उसे महत्व दिया जाता है, न कि वह व्यक्ति कौन है, इसके आधार पर. इसलिए, यह कहना कि वह पीएम के रूप में अपने फैसले थोपते हैं, बिल्कुल भी सच नहीं है. जिसने भी उनके साथ काम किया है, यहां तक ​​कि आलोचक भी इस बात से सहमत होंगे कि कैबिनेट ने इससे पहले कभी इतने लोकतांत्रिक तरीके से काम नहीं किया."

'मुझ पर छोड़ दें' : लखीमपुर को लेकर योगी आदित्‍यनाथ का बीजेपी को संदेश

पीएम मोदी और अमित शाह दोनों गुजरात से हैं और दोनों ने शुरुआती दिनों से ही भाजपा और उसके वैचारिक संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में मिलकर काम किया है. प्रधान मंत्री के सबसे करीबी विश्वासपात्र और रणनीतिकार माने जाने वाले, अमित शाह ने नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्रित्व काल में गुजरात सरकार में अहम विभागों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं.

अमित शाह ने किसानों के विरोध पर पीएम मोदी का बचाव करते हुए कहा कि पिछले साल पेश किए गए कृषि कानूनों पर किसानों की चिंताएं निराधार हैं क्योंकि भाजपा सरकार ने इसके जरिए उत्पादकों की मदद के लिए बड़े कदम उठाए हैं.

'बिजली की कमी न हुई थी और न होने देंगे', ऊर्जा मंत्री ने कोयले की कमी से संकट की खबरों पर दिया भरोसा

उन्होंने कहा, "कुल मिलाकर 11 करोड़ किसानों को सालाना ₹6,000 मिल रहे हैं. एक साल के भीतर ₹1.5 लाख करोड़ किसानों को दिए गए हैं. कुछ समय पहले यूपीए सरकार ने ₹60,000 करोड़ का कर्ज माफ किया था. ₹60,000 करोड़ बैंक में वापस आए लेकिन किसानों को कुछ नहीं मिला लेकिन भाजपा शासन में 1.5 लाख करोड़ रुपये की यह धनराशि सीधे किसानों के पास जा रही है, और इसमें कोई बैंक ऋण शामिल नहीं है."

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com