गुवाहाटी:
प्रतिबंधित संगठन उल्फा ने असम में 31 साल से चल रहे सशस्त्र संघर्ष का हल निकालने के लिए नई दिल्ली में 10 फरवरी को केंद्र के साथ बिना शर्त बातचीत शुरू करने का ऐलान किया है। बातचीत के पहले दौर को सद्भावना वार्ता करार देते हुए उल्फा नेता शशधर चौधरी ने संवाददाताओं को बताया कि संगठन चाहता है कि गुरुवार को बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह मौजूद रहें, क्योंकि वह संसद में असम का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह पूछे जाने पर कि बातचीत के दौरान उल्फा की प्रमुख मांग असम के लिए संप्रभुता पर भी चर्चा होगी, चौधरी ने सीधा जवाब देने से बचते हुए कहा, हमने बिना शर्त वार्ता करने का फैसला किया है। बातचीत के जरिये ही असम की समस्याओं के हल के लिए प्रक्रिया शुरू होगी। उन्होंने कहा, असम के लोगों और जातीय अभिबारतन (बुद्धिजीवियों) की इच्छा का सम्मान करते हुए हमने बातचीत का फैसला किया है। अभी उल्फा ने बातचीत के लिए अपने नेताओं के नाम का फैसला नहीं किया है। चौधरी ने कहा, हालांकि बैठक के लिए उल्फा का एजेंडा अभी तैयार नहीं हुआ है, लेकिन इसमें असम की सभी समस्याओं का जिक्र होगा। उन्होंने कहा कि केंद्र के साथ शांति वार्ता करने का फैसला उल्फा की कार्यकारी समिति और सामान्य परिषद की इस सप्ताह संपन्न बैठक में किया गया।
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