यूक्रेन के मंत्री ने कहा कि रूसी हमलों में सैकड़ों महिलाएं और बच्चे मारे गए हैं. मैंने पांच हफ्तों में अपने बच्चों को नहीं देखा है.
नई दिल्ली:
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध को दूसरा महीना चल रहा है. कई दौर की बातचीत भी हो चुकी है और रूस ने इस्तांबुल में हुई बैठक में हमलों में कमी करने की बात कही है. इस बीच यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने एनडीटीवी के साथ एक विशेष बातचीत में बताया कि रूसी हमले के बीच उनके देश में क्या हो रहा है. इतना ही नहीं, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मध्यस्थता करने की भी मांग की है. पढ़ें उनके द्वारा कही गई 10 बड़ी बातें-
- हमने रूस को कुछ अच्छे प्रस्ताव दिए हैं, लेकिन हमें जमीनी स्तर पर स्थिति देखने की जरूरत है. हमले हो रहे हैं. जमीन पर जो हो रहा है, उससे बातचीत टूटती नजर आ रही है. कीव और चेर्निहाइव से कोई रूसी सेना की कोई सार्थक वापसी नहीं हुई है.
- हमने कुछ क्षेत्रों से कुछ रूसी सेना को वापस जाते देखा. लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि सेना पूरी तरह से वापस लौट चुकी है. इसलिए हमें रूसी आश्वासनों से सावधान रहने की जरूरत है.
- रूस अपनी योजना छुपा रहा है. उनकी सेना पूर्वी क्षेत्र में हमले की योजना बना रही है. रूस की सेना वापसी एक रचनात्मक कदम के बजाय रूसी सेना का कोई हथकंडा हो सकता है.
- हम चाहते हैं कि रूस के रचनात्मक शब्द रचनात्मक कदमों से मेल खाए. हम इतिहास के दाईं ओर हैं. हमने किसी पर आक्रमण नहीं किया. प्रारंभिक धारणा कि युद्ध कुछ ही दिनों में समाप्त हो जाएगा, गलत साबित हुआ है. अब युद्ध को दूसरा महीना चल रहा है.
- यूक्रेन में रूसी हमलों में सैकड़ों महिलाएं और बच्चे मारे गए हैं. मैंने पांच हफ्तों में अपने बच्चों को नहीं देखा है. मैं कभी-कभी उनसे फोन पर ही बात करता हूं.
- हम युद्ध को समाप्त करना चाहते हैं. हम नहीं चाहते कि कोई मरे. मैं मारे गए भारतीय छात्र के परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करना चाहता हूं. रूस के हमलों से पहले तक यूक्रेन हमेशा भारतीय छात्रों का घर रहा है.
- यह सच है कि भारत संतुलन बनाने की कोशिश कर रहा है (भारत के संयुक्त राष्ट्र में मतदान से परहेज करने पर)... लेकिन हम बताना चाहते हैं कि इस पूरे मामले में यूक्रेन इतिहास के सही पक्ष में है. यूक्रेन भारत की खाद्य सुरक्षा के गारंटरों में से एक है. हम कई उत्पादों की आपूर्ति करते हैं. यह पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंध है.
- दुनिया में केवल एक ही व्यक्ति है जो इस युद्ध को चाहता है, वह है व्लादिमीर पुतिन. अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पुतिन को इस युद्ध को रोकने के लिए मना सकते हैं, तो हम उसके खिलाफ क्यों हों?
- जब तक रूस अपने टैंकों और विमानों के साथ यूक्रेन में नहीं घुसा, यूक्रेन भारतीयों का घर रहा है. हम चाहते हैं कि छात्र वापस आएं.
- रूस में निर्णय लेने वाले एकमात्र व्यक्ति राष्ट्रपति पुतिन हैं. इसलिए आपको उनसे सीधे बात करने की जरूरत है कि इस युद्ध को कैसे खत्म किया जाए.