सुप्रीम कोर्ट में आधार को लेकर UIDAI पेश करेगा पावर प्‍वाइंट प्रेजेंटेशन, जजों और याचिकाकर्ता के संदेह को करेगा दूर

आधार मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन होगा. अटॉर्नी जनरल के पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के आग्रह को सुप्रीम कोर्ट ने मंजूर कर लिया है.

सुप्रीम कोर्ट में आधार को लेकर UIDAI पेश करेगा पावर प्‍वाइंट प्रेजेंटेशन, जजों और याचिकाकर्ता के संदेह को करेगा दूर

फाइल फोटो

नई दिल्ली:

आधार मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन होगा. अटॉर्नी जनरल के पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के आग्रह को सुप्रीम कोर्ट ने मंजूर कर दिया है. चीफ जस्टिस ने कहा कि वो बताएंगे कि ये प्रेजेंटेशन कब हो सकता है. इस पर अटॉर्नी जनरल ने बताया कि यह गुरुवार को हो सकता है. 

आधार नंबर ऑनलाइन साझा करते वक्त बरतें सावधानी

AG ने संविधान पीठ को बताया कि कोर्ट में दो स्क्रीन लगाई जाएंगी और UIDAI के सीईओ इसके जरिए कोर्ट को आधार को लेकर डेटा प्रेजेंटेशन व अन्य पहलुओं के बारे में बताएंगे. AG के पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के आग्रह को सुप्रीम कोर्ट ने मंजूर किया है. AG ने कोर्ट को बताया कि इसके जरिए आसानी से कम वक्त में मामले को समझा जा सकता है. चार घंटे की बहस की बजाए सीईओ इस प्रेजेंटेशन को एक घंटे में समझा सकते हैं. UIDAI के सीईओ कंप्यूटर साइंस में पीएचडी हैं. वो इस मुद्दे पर जजों व याचिकाकर्ताओं के आधार पर संदेह को दूर करेंगे. अब कानूनी मुद्दे पर बहस शुरू होगी. 

आधार को लेकर AG ने कहा कि अदालत में चार मिनट का वीडियो दिखाया जाएगा. इसमें बताया जाएगा कि डेटा कैसे रखा जाता है, ये मानेसर में स्टोर होता है. आधार से गरीब लोगों को फायदा हो रहा है और इससे भ्रष्टाचार पर भी काबू किया गया है. जस्टिस ए के सीकरी ने पूछा कि यहां याचिकाकर्ताओं ने कई हलफनामे दाखिल किए कि आधार होने के बावजूद उन्हें लाभ से बाहर किया गया. इस पर अटॉर्नी जनरल ने कहा कि क्या कोर्ट ने इस मामले में किसी गरीब की ये शिकायत सुनी है. ये सिर्फ NGO कह रहे हैं.

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने आधार की अनिवार्यता की डेडलाइन बढ़ा दी थी. सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई पूरी होने और फैसला आने तक यह डेडलाइन बढ़ाई गई. फिलहाल सिर्फ सब्सिडी, बैनिफिट्स और सर्विसेज यानी सामाजिक कल्याणकारी योजनाओं के ही लिए आधार जरूरी रहेगा. सुप्रीम कोर्ट ने बैंक, मोबाइल, पासपोर्ट आदि के लिए आधार की अनिवार्यता की डेडलाइन बढ़ा दी है. तत्काल में पासपोर्ट  के लिए आधार की अनिवार्यता को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी. वकील वृंदा ग्रोवर ने याचिका दाखिल की है.

मोबाइल नंबर को आधार से जोड़ने की आखिरी तारीख बढ़ी

याचिका में कहा गया है कि जनवरी 2018 में जारी पासपोर्ट नियमों के तहत तत्काल योजना में नया पासपोर्ट बनवाने या नवीनीकरण के लिए आधार को अनिवार्य बना दिया गया है. उन्होंने तत्काल में पासपोर्ट रिन्यू का आवेदन दिया तो उनका पुराना पासपोर्ट रद्द कर दिया गया. अब नए पासपोर्ट के लिए आधार नंबर देने को कहा जा रहा है. पासपोर्ट अधिकारियों ने आधार के बिना पासपोर्ट रिन्यू करने से इंकार कर दिया है. जबकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक आधार सिर्फ कल्याणकारी योजनाओं के लिए ही अनिवार्य है. उन्हें तीन दिन के भीतर पासपोर्ट चाहिए क्योंकि उन्हें एक सेमिनार में हिस्सा लेने ढाका जाना है.


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