
फाइल फोटो
नई दिल्ली:
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआइडीएआई) ने आधार नंबर का ऑनलाइन इस्तेमाल करते वक्ता लोगों को सतर्कता बरतने को कहा है. यूआइडीएआई का कहना है कि ऑनलाइन किसी भी सेवा का इस्तेमाल करते वक्त आधार नंबर जैसी निजी जानकारियां साझा करने के दौरान खास सावधानी बरतने की जरूरत है.
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शनिवार को आधार जारी करने वाली अथॉरिटी यूआइडीएआई ने कहा, ‘लोग किसी सेवा को हासिल करने के लिए इंटरनेट पर सेवाप्रदाता या वेंडर को अपनी जानकारी देते हैं. इसमें आधार नंबर का ब्यौरा भी शामिल रहता है. इसलिए लोगों को आगाह किया जाता है कि इंटरनेट पर ब्योरा साझा करते समय खास सतर्कता बरतें.’ यूआइडीएआई ने उन खबरों को कोई तवज्जो नहीं दी है, जिनमें कहा जा रहा है कि ‘मेरा आधार, मेरी पहचान’ से गूगल पर सर्च करने पर आधार का पीडीएफ उपलब्ध हो जा रहा है. उसका कहना है कि इस मामले का आधार के डाटाबेस की सुरक्षा से कोई लेनादेना नहीं है. विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने लोगों को भरोसा दिलाया है कि आधार डाटाबेस पूरी तरह से सुरक्षित है.
इस तरह की खबरें पूरी तरह सच्चाई से परे हैं. गूगल पर जो भी आधार कार्ड नजर आ रहे हैं, उनमें से कोई भी यूआइडीएआइ की डाटाबेस से नहीं लिया गया है. प्राधिकरण ने स्पष्ट किया है कि अन्य सभी पहचान पत्र की तरह आधार भी एक गैर गोपनीय दस्तावेज है. केवल किसी के आधार नंबर की जानकारी हो जाने से कोई किसी की पहचान नहीं चुरा सकता, क्योंकि यहां बायोमीटिक मिलान करना जरूरी है.
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यूआइडीएआई ने बताया है, ‘जैसे मोबाइल नंबर, बैंक एकाउंट नंबर, पैन कार्ड, पासपोर्ट व परिवार का ब्योरा देते वक्त हम ध्यान रखते हैं, वैसे ही आधार नंबर का ब्योरा देते वक्त हमें सावधानी बरतनी चाहिए. यदि कोई गैरकानूनी तरीके से किसी का आधार नंबर, मोबाइल नंबर, बैंक अकाउंट नंबर या तस्वीर प्रकाशित करता है तो उस पर मुआवजे के लिए दीवानी का मुकदमा दायर किया जा सकता है. यह मुकदमा वह शख्स दायर कर सकता है, जिसकी निजता का उल्लंघन हुआ है.
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इस तरह की खबरें पूरी तरह सच्चाई से परे हैं. गूगल पर जो भी आधार कार्ड नजर आ रहे हैं, उनमें से कोई भी यूआइडीएआइ की डाटाबेस से नहीं लिया गया है. प्राधिकरण ने स्पष्ट किया है कि अन्य सभी पहचान पत्र की तरह आधार भी एक गैर गोपनीय दस्तावेज है. केवल किसी के आधार नंबर की जानकारी हो जाने से कोई किसी की पहचान नहीं चुरा सकता, क्योंकि यहां बायोमीटिक मिलान करना जरूरी है.
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यूआइडीएआई ने बताया है, ‘जैसे मोबाइल नंबर, बैंक एकाउंट नंबर, पैन कार्ड, पासपोर्ट व परिवार का ब्योरा देते वक्त हम ध्यान रखते हैं, वैसे ही आधार नंबर का ब्योरा देते वक्त हमें सावधानी बरतनी चाहिए. यदि कोई गैरकानूनी तरीके से किसी का आधार नंबर, मोबाइल नंबर, बैंक अकाउंट नंबर या तस्वीर प्रकाशित करता है तो उस पर मुआवजे के लिए दीवानी का मुकदमा दायर किया जा सकता है. यह मुकदमा वह शख्स दायर कर सकता है, जिसकी निजता का उल्लंघन हुआ है.
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