प्रतीकात्मक तस्वीर
देहरादून:
उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री हरीश रावत का पंतनगर कार्यक्रम था, जिसके लिए जिलेभर के पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई थी। मुख्यमंत्री का कार्यक्रम ऐन वक्त पर निरस्त हो गया। ड्यूटी के लिए आए पुलिस कर्मियों का एसएसपी ने पुलिस लाइन में निरीक्षण किया, साथ ही उनका वजन चेक कराया।
ओवरवेट पुलिस कर्मियों को वजन कम करने के निर्देश दिए थे
दो माह पहले भी एसएसपी केवल खुराना ने सभी ओवरवेट पुलिस कर्मियों को वजन कम करने के निर्देश दिए थे। जब वजन चेक कराया गया तो काफी संख्या में पुलिस कर्मी ओवरवेट मिले। उनकी लंबाई के अनुसार वजन की गणना की गई। इस दौरान कई सिपाहियों का वजन ठीक होने पर उन्हें पुरस्कार दिया गया, लेकिन काफी संख्या में ऐसे सिपाही थे जिनका लंबाई के मुताबिक वजन अधिक था। कई पुलिस कर्मियों की वर्दी ठीक नहीं मिली।
पैंट और शर्ट ही अलग-अलग रंग की पहन रखी थी
कांस्टेबिल जगदीश प्रसाद ने पैंट और शर्ट ही अलग-अलग रंग की पहन रखी थी। जूते और मोजे भी वर्दी से अलग थे। उसके पास सीटी भी नहीं थी। जिस पर उसे निलंबित करने के निर्देश दिए गए। कुंडा थाने में तैनात कांस्टेबिल मनोज कुमार का वजन 97 किलो होने पर उसे लाइन हाजिर कर दिया गया। ऊधम सिंह नगर के एसएसपी केवल खुराना का कहना है कि "पुलिस फोर्स में सब का फिट रहना बहुत जरूरी है। इसमें फिजिकल एक्टिविटी होना बहुत जरूरी है। ओवरवेट लोगों को कहा गया है कि अपना वेट कम करें। जिन लोगों ने अपना वजन कम किया उन्हें पुरस्कार दिया गया।
कांस्टेबिल शाकिर अली की कहानी
खटीमा में तैनात कांस्टेबिल शाकिर अली को एसएसपी ने जब आर्म्स पुलिस में करने के निर्देश दिए तो कांस्टेबिल पहले सिविल पुलिस में बने रहने के लिए गिड़गिड़ाया, फिर रो पड़ा। उसे कई पुलिस अधिकारियों ने एसएसपी के सामने से हटाया। दरअसल उसका वजन काफी कम था। पूछने पर उसने लीवर खराब होने की बात कही, जिस पर एसएसपी ने उसका तबादला आर्म्स पुलिस में करने को कहा। जिस पर शाकिर अली पहले गिड़गिड़ाया, लेकिन एसएसपी जब अपने निर्णय पर अडिग रहे तो वह रो पड़ा। जिससे एसएसपी और नाराज हो गए। उन्होंने उसे जिले से बाहर स्थानांतरण कराने को कहा।
थानाध्यक्ष को पीठ में लादकर दौड़ा सिपाही
साथ ही अधिक वजन वाले एक सिपाही को एसएसपी ने सजा सुनाई कि वह थानाध्यक्ष पंतनगर को पीठ पर लाद कर पुलिस लाइन का चक्कर लगाए। हालांकि सिपाही आधा ही चक्कर लगा सका। हुआ यूं कि कुंडा थाने में तैनात मनोज कुमार का वजन अधिक था। एसएसपी ने उसे सजा सुनाई कि वह थानाध्यक्ष पंतनगर आरसी मखोलिया को पीठ पर लाद कर चक्कर लगाए। फिर क्या था। कप्तान साहब का आदेश और सिपाही ने थानाध्यक्ष पंतनगर को पीठ पर लाद लिया और पुलिस लाइन का चक्कर लगाया। हालांकि वह आधा ही चक्कर लगा पाया। इसके बाद एसएसपी ने सिपाही को लाइन हाजिर किया।
ओवरवेट पुलिस कर्मियों को वजन कम करने के निर्देश दिए थे
दो माह पहले भी एसएसपी केवल खुराना ने सभी ओवरवेट पुलिस कर्मियों को वजन कम करने के निर्देश दिए थे। जब वजन चेक कराया गया तो काफी संख्या में पुलिस कर्मी ओवरवेट मिले। उनकी लंबाई के अनुसार वजन की गणना की गई। इस दौरान कई सिपाहियों का वजन ठीक होने पर उन्हें पुरस्कार दिया गया, लेकिन काफी संख्या में ऐसे सिपाही थे जिनका लंबाई के मुताबिक वजन अधिक था। कई पुलिस कर्मियों की वर्दी ठीक नहीं मिली।
पैंट और शर्ट ही अलग-अलग रंग की पहन रखी थी
कांस्टेबिल जगदीश प्रसाद ने पैंट और शर्ट ही अलग-अलग रंग की पहन रखी थी। जूते और मोजे भी वर्दी से अलग थे। उसके पास सीटी भी नहीं थी। जिस पर उसे निलंबित करने के निर्देश दिए गए। कुंडा थाने में तैनात कांस्टेबिल मनोज कुमार का वजन 97 किलो होने पर उसे लाइन हाजिर कर दिया गया। ऊधम सिंह नगर के एसएसपी केवल खुराना का कहना है कि "पुलिस फोर्स में सब का फिट रहना बहुत जरूरी है। इसमें फिजिकल एक्टिविटी होना बहुत जरूरी है। ओवरवेट लोगों को कहा गया है कि अपना वेट कम करें। जिन लोगों ने अपना वजन कम किया उन्हें पुरस्कार दिया गया।
कांस्टेबिल शाकिर अली की कहानी
खटीमा में तैनात कांस्टेबिल शाकिर अली को एसएसपी ने जब आर्म्स पुलिस में करने के निर्देश दिए तो कांस्टेबिल पहले सिविल पुलिस में बने रहने के लिए गिड़गिड़ाया, फिर रो पड़ा। उसे कई पुलिस अधिकारियों ने एसएसपी के सामने से हटाया। दरअसल उसका वजन काफी कम था। पूछने पर उसने लीवर खराब होने की बात कही, जिस पर एसएसपी ने उसका तबादला आर्म्स पुलिस में करने को कहा। जिस पर शाकिर अली पहले गिड़गिड़ाया, लेकिन एसएसपी जब अपने निर्णय पर अडिग रहे तो वह रो पड़ा। जिससे एसएसपी और नाराज हो गए। उन्होंने उसे जिले से बाहर स्थानांतरण कराने को कहा।
थानाध्यक्ष को पीठ में लादकर दौड़ा सिपाही
साथ ही अधिक वजन वाले एक सिपाही को एसएसपी ने सजा सुनाई कि वह थानाध्यक्ष पंतनगर को पीठ पर लाद कर पुलिस लाइन का चक्कर लगाए। हालांकि सिपाही आधा ही चक्कर लगा सका। हुआ यूं कि कुंडा थाने में तैनात मनोज कुमार का वजन अधिक था। एसएसपी ने उसे सजा सुनाई कि वह थानाध्यक्ष पंतनगर आरसी मखोलिया को पीठ पर लाद कर चक्कर लगाए। फिर क्या था। कप्तान साहब का आदेश और सिपाही ने थानाध्यक्ष पंतनगर को पीठ पर लाद लिया और पुलिस लाइन का चक्कर लगाया। हालांकि वह आधा ही चक्कर लगा पाया। इसके बाद एसएसपी ने सिपाही को लाइन हाजिर किया।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं