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This Article is From Jun 09, 2015

यूरेनियम कॉर्पोरेशन में भर्ती घोटाला: सीएमडी समेत कई अधिकारियों की मिलीभगत

यूरेनियम कॉर्पोरेशन में भर्ती घोटाला: सीएमडी समेत कई अधिकारियों की मिलीभगत
नई दिल्ली: भारत की प्रतिष्ठित पीएसयू यूरेनियम कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड यानी यूसीआईएल में एक भर्ती घोटाला सामने आया है। एनडीटीवी इंडिया को जो दस्तावेज़ मिले हैं, उन्हें देखने से पता चलता है कि यूसीआईएल में महत्वपूर्ण पदों पर बैठे लोगों ने उम्मीदवारों की नियुक्तियों में धांधली की और पारदर्शी तरीके नहीं अपनाए। पिछले 10 साल में 100 से अधिक नियुक्तियों में धांधली हुई। ये नियुक्तियां मैनेजमेंट ट्रेनी स्तर के पदों के लिए थी। इन पदों पर नियुक्त होने वाले लोग ही आगे जाकर यूसीआईएल में महत्वपूर्ण पद संभालते हैं।

यूसीआईएल के मुख्य सतर्कता अधिकारी यानी सीवीओ रजनीश राय (अब सीआरपीएफ में स्थानांतरित) ने इसी साल इस बारे में एक रिपोर्ट तैयार की, जिसमें कहा गया कि कई उम्मीदवारों की भर्तियां नियमों को ताक पर रख कर की गईं। 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी रजनीश राय अब यूसीआईएल से जा चुके हैं, लेकिन सीबीआई और डिपार्टमेंट ऑफ एटोमिक एनर्जी को भेजी अपनी रिपोर्ट में उन्होंने कहा है कि यूसीआईएल के एक बड़े अधिकारी के बेटे को नौकरी दिलाने के लिए तथ्यों से छेड़छाड़ की गई।  

राय अपनी रिपोर्ट में कहते हैं कि तकनीकी विभाग के निदेशक के बेटे को नौकरी पर रखने के लिए संस्थान में नियमों को तोड़ा गया और ये नियुक्ति भाई-भतीजावाद के तहत हुई, जिसमें एक अयोग्य उम्मीदवार को मेडिकल सर्टिफिकेट फर्ज़ी तरीके से दिलाया गया।

इसके अलावा अलग-अलग पदों पर एक दर्जन से अधिक नियुक्तियां ग़लत तरीके से की गईं। सीवीओ ने इस मामले में सीबीआई से कहा है कि पहली नज़र में यह एक आपराधिक मामला है। फरवरी में भेजी इस रिपोर्ट में यूसीआईएल के सीमएमडी समेत कई अधिकारियों पर मुकदमा करने की सिफारिश की गई है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

यूसीआईएल के सीएमडी डी आचार्य ने एनडीटीवी इंडिया की ओर से भेजे गए सवालों के जवाब नहीं दिए। उधर यूसीआईएल सीवीओ रहे रजनीश राय ने इस पर कोई जानकारी देने से मना कर दिया। दस्तावेज़ बताते हैं कि यूसीआईएल में भर्तियों में धांधली पिछले 10 साल से हो रही है, लेकिन 2013 में डीएई ने जब यूसीआईएल से जवाब तलब किया तो यूसीआईएल के सीएमडी ने अपने जवाब में लिखा कि यूसीआईएल में भर्तियां पूरी तरह से पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से होती हैं और नियमों का पालन किया जाता है।

सीएमडी दिवाकर आचार्य ने अपने जवाब में लिखा कि कंपनी में काम करने वाले कई कर्मचारियों के बच्चे और रिश्तेदार यहां निकलने वाले पदों के लिए आवेदन करते रहते हैं। भर्ती के लिए बनाई गई कमेटियों को, जो भी उम्मीदवार इन पदों के लिए उपयुक्त लगता है, उसे नियुक्त किया जाता है।

यूसीआईएल भारत की एक बहुत ही महत्वपूर्ण पीएसयू है, जो प्रधानमंत्री कार्यालय के तहत काम करने वाले डिपार्टमेंट ऑफ एटॉमिक एनर्जी के अधीन काम करती है। यह अकेली कंपनी है, जो यूरेनियम का खनन कर सकती है और सामरिक रूप से भी इसका बड़ा महत्व है।

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