महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के करजात के एक बाल आश्रय गृह में पांच बच्चों के साथ कथित तौर पर यौन शोषण के लिए दो अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया।
पुलिस ने बताया कि कुछ बच्चों के अभिभावकों ने आश्रम में यौन शोषण की शिकायत की, जिसके आधार पर पुलिस ने चंद्रप्रभा ट्रस्ट के प्रमुख अजीत दाभोलकर और प्रबंधक ललिता टोंडे को मंगलवार को गिरफ्तार किया।
दाभोलकर और टोंडे रायगढ़ के करजात तालुक में आदिवासी और गरीब बच्चों के लिए आश्रम चलाते हैं। यहां 4 से 15 साल की उम्र के करीब 32 बच्चे रह रहे हैं।
करजात पुलिस ने प्रारंभिक जांच में पता लगाया कि दोनों आरोपियों ने 11 से 15 साल उम्र की लड़कियों और एक लड़के का कथित तौर पर यौन शोषण किया।
करजात पुलिस थाने के सहायक पुलिस निरीक्षक एसएम जाधव ने बताया कि दोनों आरोपी आश्रय गृह के बच्चों से जबरदस्ती अपने सामने यौन कृत्य कराते थे और ऐसा न करने पर अपना मलमूत्र खिलाने की धमकी देते थे।
इन चीजों का खुलासा तब हुआ जब आश्रम में रहने वाले एक बच्चे ने अपनी मां को इस बारे में बताया।
पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और उन्हें 27 मई को रायगढ़ जिला सत्र न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें 5 जून तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।
पुलिस ने बताया कि दोनों आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 377 (अप्राकृतिक यौनाचार), 354, 509, 342 और यौन अपराध बाल संरक्षण अधिनियम, 2012 की धारा 3, 5 और 7 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
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