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This Article is From Jan 03, 2019

Triple Talaq Bill पर NDA के साथ नहीं जेडीयू, BJP ने वोट बैंक की राजनीति बताया तो कांग्रेस ने ली चुटकी

JDU के द्वारा तीन तलाक बिल (Triple Talaq Bill) का विरोध करने पर बीजेपी सांसद सीपी ठाकुर (CP Thakur) ने कहा कि तीन तलाक बिल (Triple Talaq Bill) पर वोट बैंक की राजनीति हो रही है.

Triple Talaq Bill पर NDA के साथ नहीं जेडीयू, BJP ने वोट बैंक की राजनीति बताया तो कांग्रेस ने ली चुटकी
Triple Talaq Bill लोकसभा से पास हो चुका है.
नई दिल्ली:

तीन तलाक (Triple Talaq Bill) के मुद्दे पर नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) केंद्र की बीजेपी (BJP) नेतृत्व वाली एनडीए (NDA) सरकार के साथ नहीं है. पार्टी ने साफ कहा है कि अगर राज्यसभा में इस मुद्दे पर वोटिंग हुई तो पार्टी इसके समर्थन में वोट नहीं करेगी. JDU के द्वारा तीन तलाक बिल का विरोध करने पर बीजेपी सांसद सीपी ठाकुर ने कहा कि तीन तलाक बिल पर वोट बैंक की राजनीति हो रही है. कुछ राजनीतिक पार्टियों को लगता है कि अगर वह तीन तलाक बिल का समर्थन करेंगे तो उन्हें एक विशेष समुदाय का वोट नहीं मिलेगा. वहीं, इस पर चुटकी लेते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीएल पुनिया ने कहा कि JDU ने भी जता दिया है कि NDA में सब लोग BJP के साथ नहीं हैं. अपना दल और राजभर पहले ही बीजेपी के खिलाफ आवाज उठा चुके हैं. 

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बता दें कि जेडीयू की बिहार इकाई के अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह ने NDTV से खास बातचीत में कहा कि ट्रिपल तलाक के पक्ष में हम लोग अभी नहीं हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि एक बड़े समुदाय की परंपरा में कुछ तौर तरीक़े बने हुए हैं. इस ट्रिपल तलाक से लाखों महिलाएं प्रभावित होंगी. इस पर उस समुदाय के लोगों से उनकी भावनाओं के साथ बातचीत करके एक समाधान निकालना चाहिए. मैं इसलिए मानता हूं कि वर्तमान स्वरूप में ट्रिपल तलाक के हम लोग पक्षधर नहीं हैं. उनकी पार्टी वोटिंग के समय क्या करेगी? इस सवाल पर सिंह ने कहा कि हम समर्थन में वोट नहीं करेंगे.

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इससे पूर्व लोकसभा में बहस के दौरान पार्टी के दोनों सांसद चुप रहे और वोटिंग में भी उन्होंने हिस्सा नहीं लिया था. लेकिन बिहार भाजपा के नेताओं का कहना है कि जनता दल यूनाइटेड का तो स्टैंड पुराना है. इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है. इससे पहले भी विधि आयोग द्वारा इस मुद्दे पर राय मांगी जाने पर नीतीश कुमार ने लिखित रूप में इस मुद्दे पर अपना विरोध प्रकट किया था. उनका कहना था कि सरकार द्वारा किसी संप्रदाय विशेष पर ऐसी कोई नीति थोपी नहीं जानी चाहिए जब तक कि उस समुदाय में उस इस मुद्दे सर्वसहमति न बन जाए. 

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बता दें कि तीन तलाक बिल लोकसभा से पास होने के बाद राज्यसभा में अटका हुआ है. लोकसभा में जिस आसानी से यह बिल पास हो गया, राज्यसभा में इसकी राह इतनी आसान नहीं दिख रही. मोदी सरकार (Modi Govt) के इरादे बुलंद हैं, मगर राज्यसभा (Triple Talaq Bill In Rajya Sabha) में कांग्रेस सहित कई पार्टियों ने विपक्षी एकता की झलक दिखा दी है. राज्यसभा में यह बिल पास नहीं हो सके, इसके लिए विपक्ष पूरी तरह एकजुट है और इसे सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने की मांग कर रहा है. 

राज्यसभा में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी, लेकिन बहुमत नहीं

  • राज्यसभा के मौजूदा सांसद -  244
  • बीजेपी के पास सांसद - 73
  • सहयोगियों में जेडीयू के सांसद - 6
  • अकाली दल के सांसद - 3
  • शिवसेना के सांसद - 3
  • कुछ छोटे दलों के समर्थक सांसद - 3
  • नामांकित और निर्दलीय साथ आ सकने वाले सांसद- 9
  • सदन में कुल 244 में से कुल 98 सांसदों का समर्थन

बिल के खिलाफ विपक्षी पार्टियां ज्यादा ताकतवर और लामबंद होती दिख रहीं

  • कांग्रेस के सांसद - 50
  • टीएमसी के सांसद- 13
  • एआईडीएमके के सांसद- 13
  • समाजवादी पार्टी के सांसद- 13
  • लेफ्ट फ्रंट के सांसद - 7
  • टीडीपी के सांसद-  6
  • टीआरएस के सांसद - 6
  • आरजेडी के सांसद- 5
  • बीएसपी के सांसद- 4
  • डीएमके के सांसद- 4
  • बीजू जनता दल के सांसद- 9
  • आम आदमी पार्टी के सांसद- 3
  • पीडीपी के सांसद- 2

 

VIDEO: तीन तलाक बिल पर विरोध करेगी जेडीयू

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