हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार और आलोचक नामवर सिंह के निधन पर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री सहित तमाम नेताओं और अन्य हस्तियों ने बुधवार को शोक जताया. साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित 92 वर्षीय सिंह ने मंगलवार देर रात दिल्ली के एम्स में आखिरी सांस ली थी. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट कर कहा- हिंदी साहित्य में नए प्रतिमान स्थापित करने वाले शीर्षस्थ समालोचक डॉ. नामवर सिंह के निधन से गहरा दुःख हुआ. उनका जाना केवल हिंदी ही नहीं अपितु सभी भारतीय भाषाओं के साहित्य के लिए एक बहुत बड़ा आघात है. शोकाकुल परिवार व संपूर्ण हिंदी जगत के प्रति मेरी संवेदनाएं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "उन्होंने अपनी आलोचना के साथ हिंदी साहित्य को नई दिशा दी.दूसरी परंपरा की खोज' करने वाले नामवर जी का जाना साहित्य जगत के लिए अपूरणीय क्षति है. ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति दे और परिजनों को संबल प्रदान करे."
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हिंदी साहित्य में नए प्रतिमान स्थापित करने वाले शीर्षस्थ समालोचक डॉ नामवर सिंह के निधन से गहरा दुःख हुआ। उनका जाना केवल हिंदी ही नहीं अपितु सभी भारतीय भाषाओँ के साहित्य के लिए एक बहुत बड़ा आघात है। शोकाकुल परिवार व सम्पूर्ण हिंदी जगत के प्रति मेरी संवेदनाएं — राष्ट्रपति कोविन्द
— President of India (@rashtrapatibhvn) February 20, 2019
केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने सिंह के निधन को निजी क्षति बताया.उन्होंने कहा, "असहमतियों के बावजूद भी..वह लोगों को सम्मान और स्थान देना जानते थे. उनका निधन हिंदी जगत और हमारे समाज के लिए अपूरणीय क्षति है." कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा- नामवर सिंह के निधन से भारतीय भाषाओं ने अपनी एक ताकतवर आवाज खो दी है.समाज को सहिष्णु, जनतांत्रिक बनाने में उन्होंने जिंदगी लगा दी. हिंदुस्तान में संवाद को बहाल करना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
हिन्दी साहित्य के शिखर पुरुष नामवर सिंह जी के निधन से गहरा दुख हुआ है। उन्होंने आलोचना के माध्यम से हिन्दी साहित्य को एक नई दिशा दी। ‘दूसरी परंपरा की खोज' करने वाले नामवर जी का जाना साहित्य जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति दे और परिजनों को संबल प्रदान करे।
— Narendra Modi (@narendramodi) February 20, 2019
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी(माकपा) के सीताराम येचुरी ने कहा कि साहित्य की दुनिया में साहित्यकार और लेखक नामवर सिंह की हमेशा खास जगह रहेगी. उनका काम और योगदान आने वाले कई पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा.दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, कांग्रेस नेता संजय निरूपम और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी उनके निधन पर शोक जताया.
डा. नामवर सिंह का जाना मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति भी है। विचारों से असहमति होने के बावजूद वे लोगों को सम्मान और स्थान देना जानते थे। उनका निधन हिंदी साहित्य जगत एवं हमारे समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है। मैं उनके परिवार के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूँ।
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) February 20, 2019
स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने कहा कि नामवर सिंह ने आलोचना और हिंदी भाषा को एक विशेष स्थान दिया. डॉ. कुमार विश्वास ने ट्वीट किया- हिंदी आलोचना के शलाका-पुरुष, हमारी ज्ञान-ऋषि परम्परा के युगीन कुलाधिपति, आदरणीय गुरुप्रवर डॉ नामवर सिंह जी के निधन का समाचार एक अव्यक्त रिक्तता के वास्तविक आभास जैसा है ! ईश्वर पूज्य आचार्यश्री को अपनी कृपाछाया में शान्तिपूर्ण स्थान प्रदान करे ! ॐ शान्ति
नामवर सिंह के निधन से भारतीय भाषाओं ने अपनी एक ताकतवर आवाज खो दी है।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 20, 2019
समाज को सहिष्णु, जनतांत्रिक बनाने में उन्होंने जिंदगी लगा दी।
हिंदुस्तान में संवाद को बहाल करना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
हिंदी के प्रख्यात आलोचक और साहित्यकार नामवर सिंह जी अब हमारे बीच नहीं रहे।
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) February 20, 2019
हिंदी साहित्य में आलोचना को एक नया आयाम और नई ऊंचाई देने वाले नामवर सिंह जी को विनम्र श्रद्धांजलि।
परमात्मा उनकी आत्मा को शांति और उनके परिजनों को यह दुख सहन करने की शक्ति दें।
वीडियो- हिंदी के सबसे गंभीर आलोचक और साहित्यकार नामवर सिंह का निधन
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