फाइल फोटो
नई दिल्ली:
सीसीटीवी कैमरों से लैस और दोनों तरफ से खुलते दरवाजे... कुछ इसी तरह की खासियत के साथ ट्रेनें आने वाले दिनों में पटरी पर दौड़ेंगी। इतना ही नहीं जो लोग देख नहीं सकते उनके लिए ब्रैल लिपि का भी इंतजाम किया गया है ताकि उनको दिक्कत न आए। रेलवे बोर्ड के मेंबर मैकेनिकल हेमंत कुमार कहते हैं कि सिर्फ 3 एसी ही नहीं, सेकंड और फर्स्ट एसी के साथ-साथ सामान्य ट्रेनों में भी जो-जो हो सकता है, हम वह सुविधाएं देंगे।
आने वाले दिनों में ट्रेनों में बढ़ने जा रही सुविधाओं की संख्या काफी है। प्रत्येक बोगी में 6 सीसीटीवी कैमरे, मोबाइल चार्ज करने के लिए हर कम्पार्टमेंट में चार्जिंग प्वाइंट और होल्डर, टॉयलेट इंडिकेटर, दो की जगह चार आपातकालीन खिड़कियां, लाइटिंग एलईडी बल्ब से, ऊपर चढ़ने के लिए चौड़ी सीढ़ियां और पकड़ने के लिए हैंडहोल्ड और स्टेनलेस स्टील के मॉड्यूलर टॉयलेट अब ट्रेनों में होंगे। हेमंत कुमार बताते हैं कि इस तरह की सुविधाएं बढ़ाने में प्रत्येक कोच में करीब 7 लाख रुपये अतिरिक्त खर्च होंगे। वैसे पूरा कोच बनाने में करीब डेढ़ करोड़ की लागत आती है।
आने वाले दिनों में ट्रेनों में बढ़ने जा रही सुविधाओं की संख्या काफी है। प्रत्येक बोगी में 6 सीसीटीवी कैमरे, मोबाइल चार्ज करने के लिए हर कम्पार्टमेंट में चार्जिंग प्वाइंट और होल्डर, टॉयलेट इंडिकेटर, दो की जगह चार आपातकालीन खिड़कियां, लाइटिंग एलईडी बल्ब से, ऊपर चढ़ने के लिए चौड़ी सीढ़ियां और पकड़ने के लिए हैंडहोल्ड और स्टेनलेस स्टील के मॉड्यूलर टॉयलेट अब ट्रेनों में होंगे। हेमंत कुमार बताते हैं कि इस तरह की सुविधाएं बढ़ाने में प्रत्येक कोच में करीब 7 लाख रुपये अतिरिक्त खर्च होंगे। वैसे पूरा कोच बनाने में करीब डेढ़ करोड़ की लागत आती है।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं